सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद शहाबुद्दीन को सीवान से तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने आरजेडी के पूर्व एमपी मोहम्मद शहाबुद्दीन को बिहार की सीवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया।

Update: 2017-02-15 06:39 GMT

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (15 फरवरी) को पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में आरोपी मोहम्मद शहाबुद्दीन (आरजेडी के पूर्व एमपी) को एक हफ्ते के अंदर बिहार की सीवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि शहाबुद्दीन तिहाड़ मे आम कैदियों की तरह ही रहेंगे और विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में चल रहे केस में हिस्सा लेंगे। बता दें कि शहाबुद्दीन पर सीवान जेल से सेल्फी पोस्ट करने का भी आरोप था जिस मामले में स्थानीय कोर्ट ने शहाबुद्दीन को जमानत दे दी थी।

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क्या गया था याचिका में ?

-कोर्ट ने ये फैसला पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया।

-आशा रंजन ने अपनी अपील याचिका में गुहार लगाई थी कि पति की हत्या के मामले स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए शहाबुद्दीन को दिल्ली की तिहाड़ जेल ट्रांसफर किया जाए।

-आशा रंजन के मुताबिक, अगर शहाबुद्दीन बिहार की सीवान जेल में रहेंगे तो मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं होगी।

-शहाबुद्दीन पर करीब 45 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

-इसमें एक अलग याचिका चंद्रशेखर प्रसाद की भी है।

-जिनके तीन बेटों की हत्या में भी आरजेडी नेता का हाथ बताया जा रहा है।

-बिहार सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा की है।

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?

-सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संविधान का राइट टू फेयर ट्रायल सिर्फ आरोपी के लिए नहीं बल्कि पीड़ित के लिए है।

-यहां सिर्फ सवाल आरोपी के अधिकारों का नहीं है बल्कि पीडितों के स्वतंत्रता से जीवन जीने के अधिकार का भी है।

-आरोपी शहाबुद्दीन की इस दलील से कोर्ट सहमत नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट को किसी को दूसरे राज्य में जेल ट्रांसफर नहीं कर सकता।

-सुप्रीम कोर्ट की ये जिम्मेदारी है कि वो हर केस में फ्री एंड फेयर ट्रायल को सुनिश्चित करे।

-कोर्ट हर मामले के तथ्यों को देखकर और जनता के हित को ध्यान में रखकर ये फैसला कर सकता है कि फेयर ट्रायल हो।

 

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