नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले को वापस लेते हुए कहा है कि निजी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले राष्ट्रीय योग्यता प्रवेश परीक्षा (नीट) के आधार पर होंगे। कोर्ट ने सोमवार को दिए अपने आदेश में कहा कि यह फैसला उचित नहीं था। इस फैसले में न तो बहुमत के दृष्टिकोण पर विचार किया गया और न ही पीठ के सदस्यों के साथ विमर्श किया गया। इसलिए इस फैसले पर पुनर्विचार का आदेश दिया जाता है और इसे वापस लिया जाता है। इस फैसले के खिलाफ मेडिकल कौंसिल आफ इंडिया ने पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की थी।
इस आदेश का देशभर के 600 मेडिकल कॉलेजों पर असर होगा, जो अपने टेस्ट के आधार पर मेडिकल कोर्सों में प्रवेश देते हैं। पूर्व के आदेश में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा था कि निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश नीट के जरिये करने की जरूरत नहीं है। इस पीठ में जस्टिस एआर दवे भी थे। ये कॉलेज ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में प्रवेश अपने टेस्ट के आधार पर कर सकते हैं।
मामले में होगी दोबारा सुनवाई
-जस्टिस एआर दवे की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने 18 जुलाई 2013 का फैसला वापस लेते हुए कहा कि इस मामले में दोबारा से सुनवाई होगी।
-इस आदेश में निजी मेडिकल कॉलेजों को नीट के दायरे से बाहर कर दिया गया था।
-पहले लिए गए फैसले में खामियां थी और इसमें बहुमत के दृष्टिकोण पर विचार नहीं किया गया
-हम इस फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिका को स्वीकार करते हैं और 18 जुलाई 2013 को सुनाए गए फैसले को वापस लेते हें।
-साथ ही मामले का नए सिरे से सुनने के आदेश देते हैं।