98 मिनट तक लाल किले के प्राचीर से बोले PM मोदी, देश वासियों के हितों में कहीं ये बड़ी बातें

Independence Day 2024: पीएम मोदी लगातार होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के लेकर 2047 तक विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत, युवा कौशल विकास और महिला सुरक्षा, रोजगार, वैश्विक निवेश, सहित कई अहम मुद्दों पर बात करते हुए देश वासियों के सामने अपनी सरकार के विजन को रखा।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-08-15 07:04 GMT

Independence Day 2024: लाल किले से पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 78वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर गुरुवार को लाल किले के प्राचीर से लगातार 11वीं राष्ट्रीय ध्वजारोहण किया और राष्ट्र को संबोधित किया, जबकि लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री के पद के रूप में नरेंद्र मोदी ने पहली बार ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण करने के बाद पीएम मोदी राष्ट्र को संबोधित करते हुए आजादी के बाद का सबसे लंबा भाषण देना का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने लगभग 97 मिनट तक भाषण दिया है। आजादी के बाद किसी प्रधानमंत्री का ये सबसे लंबा भाषण था। इससे पहले साल 1947 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने 72 मिनट तक भाषण देते हुए राष्ट को संबोधित किया था।

पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें

इस बार प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन विकसित भारत @2047 की थीम पर था। इस दौरान पीएम मोदी लगातार होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के लेकर 2047 तक विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत, युवा कौशल विकास और महिला सुरक्षा, रोजगार, वैश्विक निवेश, सहित कई अहम मुद्दों पर बात करते हुए देश वासियों के सामने अपनी सरकार के विजन को रखा। तो आइए आपको बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें जो आपके लिए जानना जरूरी हैं।

2047 तक विकसित भारत

पीएम मोदी के शब्द इस साल के स्वतंत्रता दिवस की थीम ‘विकसित भारत 2047’ को दर्शाते हैं, क्योंकि उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों से देश के विकास के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में कहा कि विकसित भारत 2047’ केवल शब्द नहीं हैं, वे 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों का प्रतिबिंब हैं। आजादी से पहले सैकड़ों साल की गुलामी का हर कालखंड संघर्ष का रहा। 40 करोड़ देशवासियों ने वो जज्बा दिखाया, सामर्थ्य दिखाया, एक सपना और संकल्प लेकर चलते रहे भारत की आजादी का। हमारी रगों में उन्हीं का खून है। 40 करोड़ लोगों ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया था, दुनिया की महासत्ता को उखाड़ फेका था तो क्या आज हम 140 करोड़ भारतीय अगर संकल्प लेकर, एक दिशा निर्धारित कर चल पड़ते हैं तो चुनौतियां कितनी भी क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो तो भी हर चुनौती को पार कर समृद्ध भारत बना सकते हैं, 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी

लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया कि उनकी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। पीएम मोदी ने कहा कि मैं भ्रष्टाचारियों से निपटकर रहूंगा। क्या कोई कल्पना कर सकता है कि मेरे देश में कुछ ऐसे लोग निकल रहे हैं, जो भ्रष्टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं। समाज में इस प्रकार के बीज बोने का प्रयास हो रहा है, वो स्वस्थ समाज के लिए चुनौती है। भ्रष्टाचारियों से दूरी बनाना सही होता है, उसका महिमामंडन नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी का कहना था कि मैं देशवासियों कहना चाहता हूं कि हम नेकनीयत से राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण से, हम विपरीत मार्ग पर जाने वाले लोगों के दिल जीतेंगे। हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार की दीमक से परेशान रहा है।

विश्व को दिया संदेश...

पीएम मोदी का कहना था कि हम विश्व में जब समृद्ध थे, तब भी हमने दुनिया को युद्ध नहीं दिया। मैं विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं कि आप भारत के संस्कारों को समझिए। भारत के हजारों साल के इतिहास को समझिए। हमें संकट मत मानिए। इस भूमि में विश्व कल्याण का सामर्थ्य है। चुनौतियों को चुनौती देना हमारी फितरत में है. हम संकल्पों की पूर्ति के लिए देशवासियों का भाग्य बदलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. हम नेक नीयत से जीतेंगे. पीएम ने बांग्लादेश की हिंसा का भी जिक्र किया और कहा, बांग्लादेश में अशांति के बीच हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर 140 करोड़ भारतीय भी चिंतित हैं. भारत की सदैव यही इच्छा रही है कि उसके पड़ोसी देश समृद्धि और शांति के मार्ग पर चलें। एक पड़ोसी देश के तौर पर बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, मैं उससे जुड़ी चिंता को समझ सकता हूं। मुझे उम्मीद है कि वहां स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाएगी।

परिवारवाद को लेकर पीएम का हमला

लाल किले के प्रचीर से पीएम मोदी ने परिवारवाद पर भी जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि परिवारवाद ने देश को जिस तरह से जकड़ रखा है, लोगों का हक छीना है। इनका मूल मंत्र है- ऑफ द फैमिली, बाई द फैमिली और फॉर द फैमिली। तीसरी बुराई तुष्टिकरण है जिसने देश के मूलभूत चिंतन को नुकसान पहुंचाया है। हमें इन बुराइयों के खिलाफ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।

देश में सेकुलर कोड होना चाहिए

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है. अनेक बार आदेश दिए हैं, क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वो सिविल कोड सचमुच में एक कम्युनल और भेदभाव करने वाला सिविल कोड है. अब हमें सेकुलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा। हमारे संविधान की भावना कहती है कि इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा हो, जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं। ऐसे कानूनी आधुनिक समाज नहीं बनाते। वैसे कानूनों के लिए देश में कोई जगह नहीं हो सकती। देश में 75 सालों से कम्युनल सिविल कोड है।

महिलाओं के खिलाफ हिंसा

बिना नाम लिए बंगाल की घटना के जरिये पीएम मोदी ने महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराधिक मामले पर अपनी चिंता प्रकट की। लाल किले के प्रचार से पीएम ने कहा कि मैं आज लाल किले से एक बार फिर अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के तौर पर हमें महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। देश में इसके खिलाफ आक्रोश है। मैं इस आक्रोश को महसूस कर सकता हूं। देश, समाज और राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की त्वरित जांच हो, इन राक्षसी कृत्यों को अंजाम देने वालों को जल्द से जल्द सख्त सजा मिले. समाज में विश्वास जगाने के लिए ये जरूरी है। जब ऐसे राक्षसी प्रवृत्ति वाले व्यक्ति को दंडित किया जाता है तो यह समाचारों में नहीं दिखता, बल्कि एक कोने तक सीमित रहता है। समय की मांग है कि सजा पाने वालों पर व्यापक चर्चा की जाए ताकि यह पाप करने वालों को समझ में आए कि इससे फांसी की सजा मिलती है। मुझे लगता है कि यह डर पैदा करना बहुत जरूरी है।

रिफॉर्म और किसान पर पीएम की बातें

पीएम ने कहा कि हमने गरीबों, वंचितों और युवाओं के संकल्प आकांक्षाओं को आकार दिया है। हमारे रिफॉर्म चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं है। मैं आज कह सकता हूं कि हमारा रिफॉर्म ग्रोथ का ब्लूप्रिंट है। हमने राजनतिक मजबूरी के कारण ये नहीं किया। हम राष्ट्र प्रथम और भारत महान बने, उस संकल्प के साथ काम करते हैं। हमने रिफॉर्म जमीन पर उतारे हैं. विकसित भारत 2047, स्वस्थ भारत भी होना चाहिए, इसलिए विकसित भारत की पहली पीढ़ी के लिए पोषण अभियान चलाया है। हमें कृषि को रिफॉर्म करना है। पुरानी परंपराओं से मुक्ति पानी होगी। हम किसानों की मदद कर रहे हैं, आसान लोन दे रहे हैं, उसे टेक्नोलॉजी दे रहे हैं। उत्पादन क्षमता कम हो रही है, ऐसे में वो किसान जो प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, उनके लिए बजट में बड़ा प्रावधान है। गवर्नेंस पर रिफॉर्म विकसित भारत के सपने को पूरा करेगा। सामान्य नागरिकों के जीवन में सम्मान मिले। आज देश में करीब 3 लाख संस्थाएं काम कर रही हैं। आज मैं कहना चाहता हूं कि ये संस्थाएं एक साल में दो रिफॉर्म करें तो देखते ही देखते हम एक साल में 25-30 लाख रिफॉर्म कर देंगे तो भारत कितना आगे पहुंच जाएगा।

स्पेस सेक्टर में भी रिफॉर्म

उन्होंने कहा कि सामान्य मानव को पंचायत लेवल पर छोटी दिक्कतें होती हैं, इन्हें पूरा करना है। हमने स्पेस सेक्टर में भी रिफॉर्म किए हैं। उसके बंधनों को खोल दिया है। इसमें सैकड़ों स्टार्टअप आ रहे हैं। हम इसको दूर की सोच के साथ मजबूती दे रहे हैं। आज प्राइवेट सैटेलाइट राकेट लॉन्च हो रहे हैं। जब नीति और नियत सही होती है तो परिणाम मिलता है।

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