Shehla Rashid : ‘कश्मीर की बदली हुई स्थिति का श्रेय पीएम मोदी और अमित शाह को’, पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने फिर की तारीफ

Shehla Rashid : जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि कश्मीर गाजा नहीं है। उन्होंने कश्मीर में बदली हुई स्थिति का श्रेय पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दिया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-11-15 11:10 IST

Shehla Rasheed (Photo : Scoial Media)

Shehla Rasheed. कभी मोदी सरकार और संघ परिवार के सबसे मुखर आलोचकों में शुमार रहीं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद के सुर इतनों बदले हुए हैं। शेहला लगातार केंद्र सरकार की तारीफ में कसीदें पढ़ रही हैं। जिस जम्मू कश्मीर की नीति को लेकर वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहा करती थीं, आज वो उसी की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते नहीं थकतीं।

इजरायल – हमास जंग के कारण गाजा में पैदा हुए हालात को लेकर दुनियाभर में बवाल मचा हुआ है। भारत के मुस्लिम भी प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्र पर इजरायल पर दवाब डालने को कह रहे हैं। यहां अक्सर कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा गाजा की तुलना कश्मीर से की जाती रही है। जिसको शेहरा रशीद ने कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने साफ कहा कि कश्मीर गाजा नहीं है और आज जो वहां की स्थिति है इसका श्रेय पीएम मोदी और अमित शाह को जाता है।

मोदी-शाह की तारीफ

जेएनयू की पूर्व छात्र नेता ने कहा कि कश्मीर केवल विरोध – प्रदर्शनों में शामिल था। वहां उग्रवाद और घुसपैठ की छिटपुट घटनाएं होती हैं। कश्मीर गाजा नहीं है, ये बात स्पष्ट हो गई है। बदली हुई स्थिति के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय देना चाहूंगी। इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह को भी, जिन्होंने ऐसी राजनीतिक स्थिति सुनिश्चित की, जो कि रक्तहीन है। पूर्व में पत्थरबाजों का समर्थन करने से जुड़े एक सवाल के जवाब में शेहला ने कहा कि ऐसा 2010 में था, मगर आज की स्थिति काफी बदली हुई है। मैं इसके लिए सरकार का बहुत आभारी हूं।


मोदी सरकार की घोर आलोचक थीं शेहला

शेहला रशीद पहली साल 2016 में तब चर्चा में आई थीं, जब जेएनयू कैंपस में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगे थे। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और उमर खालिद को गिरफ्तार किया था। शेहला ने इस कदम के खिलाफ पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने जम्मू कश्मीर से धारा 370 के फैसले की भी कड़ी निंदा की थी और भारतीय सेना पर स्थानीय लोगों को परेशान करने और आतंकित करने का आरोप लगाया था। इस मामले को लेकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज हुआ था।


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