एसआईटी ने 1984 सिख दंगों की जांच शुरू की, 6 माह में शासन को भेजेगी रिपोर्ट

1984 में हुए सिख दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में सिक्ख विरोधी दंगे हुए थे जिनमें कानपुर भी दंगे की भेंट चढा था।

Update: 2019-05-25 10:19 GMT

कानपुर:1984 में हुए सिख दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में सिक्ख विरोधी दंगे हुए थे जिनमें कानपुर भी दंगे की भेंट चढा था। ताजे मामले में आईपीएस बालेन्द्र भूषण ने शुक्रवार को कानपुर में एसपी एसआईटी का कार्यभार ग्रहण किया है जिसके बाद वो एसएसपी अनंत देव से मिले ओर मामले से जुड़े दस्तावेज उन्हे सौंप दिए गए हैं।

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6 माह में जांच पूरी कर शासन को सौंपेगी जाएगी रिपोर्ट-

1984 सिक्ख दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी छह महीने में जांच पूरी कर जांच की प्रगति रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। आपको बता दें कि इस मामले में दंगों के दौरान शहर में 127 सिखों का कत्ल हुआ था शहर में आगजनी और लूटखसूट हुई थी। मामले में 1254 एफआईआर दर्ज की गई हैं विवचकों ने 153 मामलों में आरोप पत्र और 1101 में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की थी

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गठित की गई थी एसआईटी-

गौरतलब है कि मामले में अखिल भारतीय सिख दंगा पीड़ित राहत कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष मंजीत सिंह ने बंद किए गए इन मामलों की पुन: जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को एसआईटी गठित करने के आदेश दिए थे जिसके बाद मामले में सरकार द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई और एसआईटी का गठन किया गया ।

 

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