Sonali Phogat Murder: सोनाली फोगाट मर्डर केस की अब CBI करेगी जांच, गोवा सरकार ने की है सिफारिश
Sonali Phogat Murder: 43 वर्षीय सोनाली फोगट की मौत को हत्या का मामला माना जा रहा है, उनकी गोवा पहुंचने के एक दिन बाद 22-23 अगस्त की दरम्यानी रात में मौत हो गई थी।
Sonali Phogat Murder: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को कहा है कि उनकी सरकार हरियाणा भाजपा नेता और अभिनेत्री सोनाली फोगट की मौत से संबंधित मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की सिफारिश करेगी। उन्होंने कहा, 'हमने सोनाली फोगट की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। हमें अपनी पुलिस पर पूरा भरोसा है लेकिन लोगों ने बार-बार मांग की है और उनकी बेटी ने भी मांग की है कि मामले को सीबीआई से निपटाया जाए। इसलिए हम ये सिफारिश कर रहे हैं।
43 वर्षीय सोनाली फोगट की मौत को हत्या का मामला माना जा रहा है, उनकी गोवा पहुंचने के एक दिन बाद 22-23 अगस्त की दरम्यानी रात में मौत हो गई थी। उनके निजी सहायक सुधीर सांगवान और उनके सहयोगी सुखविंदर सिंह द्वारा कथित तौर पर दी जाने वाली दवाओं के सेवन के बाद उनकी मृत्यु होने की बात सामने आयी है। सुधीर और सुखविंदर अब पुलिस हिरासत में हैं।
बेटी ने पीएम – सीएम से मांगी थी मदद
सोनाली फोगाट की इकलौती बेटी यशोधरा फोगाट ने अपनी मां की मौत की जांच को लेकर प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को ट्वीट किया था। ट्वीट में मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया गया था। यशोधरा ने लिखा था कि केस सीबीआई को सौंप दिया जाए और मेरी मां को इंसाफ दिलाया जाए। सोनाली का परिवार शुरू से ही उनकी की मौत के पीछे किसी बड़ी राजनीतिक साजिश की आशंका जाहिर कर सीबीआई जांच की मांग कर रहा था। उनका परिवार कभी गोवा पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं था।
खाप पंचायत बुलाकर बनाया गया था दवाब
दिवंगत हरियाणवी टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट जाट परिवार से आती थीं। जाटों का हरियाणा की राजनीति और समाज में क्या रसूख है, ये किसी से छिपा नहीं है। जाट की बेटी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर पूरा धीरे – धीरे पूरा समाज लामबंद होने लगा था। कल यानी रविवार 11 सितंबर को इसकी पहली झलक भी देखने को मिली थी, जब हिसार की जाट धर्मशाला में सर्व जातीय खाप महापंचायत हुई, जिसमें सोनाली फोगाट का परिवार और उनकी बेटी यशोधरी भी शामिल हुई थी। महापंचायत में निर्णय हुआ कि यदि मामले की जांच सीबीआई को नहीं सौंपी जाती है तो 24 सितंबर को ऐसी ही एक और बड़ी महापंचायत आयोजित की जाएगी। जिसमें न केवल हरियाणा के बल्कि आसपास के राज्यों के जाट बिरादरी के लोग भी शामिल होंगे और सख्त निर्णय लेंगे।