हार्ट डे: डाक्टर और मरीज दोनों के लिए मंदिर है ये अस्पताल, फ्री में होता है 'दिल' का इलाज
नई दिल्ली: आपने अक्सर ऐसी खबरें सुनी या पढ़ी होगी कि फला प्राइवेट अस्पताल ने पैसे न जमा करने के कारण मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया। या उसका आधा अधूरा इलाज कर उसे डिस्चार्ज कर दिया। मामला जब हार्ट के मरीजों से जुड़ा हो तो और भी चिंता का विषय बन जाता है।
ऐसे में मरीज और उसके घरवालों के पास सिवाय हाथ पर हाथ धरे बैठने के अलावा कुछ भी नहीं बचता है लेकिन आज हम आपको वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर भारत के एक ऐसे इकलौते प्राइवेट अस्पताल के बारे में बता रहे है। जहां पर हार्ट से जुड़े सभी तरह के मरीजों का बिल्कुल फ्री में इलाज होता है। यहां सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग इलाज कराने आते हैं। मरीज और डाक्टर दोनों ही इसे मंदिर मानते है।
संजीवनी अस्पताल के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप
छत्तीसगढ़ के रायपुर में श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल स्थित है। यह भारत का इकलौता ऐसा अस्पताल है जो बच्चों के हृदय रोगों के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित है। पूरी तरह फ्री ट्रीटमेंट देने वाले इस अस्पताल में दुनिया भर से आए बच्चों का इलाज किया जाता है। 100 बेड वाले इस अस्पताल की स्थापना नवंबर वर्ष 2012 में हुई। सीके पहले यहां हर उम्र के मरीजों के दिल का इलाज किया जाता था, लेकिन फरवरी वर्ष 2014 से इसे चाइल्ड हार्ट केयर सेंटर के रूप में बदल दिया गया, तब से यह अस्पताल बच्चों के दिल की देखभाल कर रहा है।
मरीज और डाक्टर दोनों ही अस्पताल को मानते है मंदिर
अस्पताल के बाल हृदय रोग विशेषज्ञ अतुल प्रभु के मुताबिक़ इसे हम और मरीज दोनों ही अस्पताल नहीं बल्कि एक मंदिर मानते हैं और हम अपना काम भी इसी तरह करते हैं। इसलिए कभी नहीं लगता कि हमें पैसा कमाना है। हम चाहते हैं कि यहां आने वाले बच्चों की मुस्कान लौटा सकें।
दिल के आकार में बना है ये अस्पताल
इस अस्पताल की एक और खास बात जो कि लोगों को काफी आकर्षित करती है वो है इसका आकार। यह अस्पताल दिल के आकार में बना हुआ है। दिल के आकार वाले 30 एकड़ में फैले इस चिकित्सालय परिसर में सत्य साई सौभाग्यम और नर्सिंग कालेज भी है। सत्य साई सौभाग्यम में कला, संस्कृति, शिक्षा और सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम होते रहते हैं। यहां का स्टाफ इसे अस्पताल नहीं बल्कि टैंपल आफ हीलिंग कहते हैं और इसे मंदिर की तरह ही पूजा जाता है। अस्पताल का नियम है कि प्रतिदिन सुबह जिन बच्चों का ऑपरेशन होता है उनके लिए प्रार्थना की जाती है और उनकी लिस्ट देश विदेश में फैले लाखों अनुयायियों को भेजा जाता है। जिससे वह भी प्रार्थना में शामिल हो सकें।
अस्पताल के अंदर नहीं है कैश काउंटर
यह अपनी तरह का एक ऐसा अस्पताल है जहां बिल जमा करने के लिए कैश कोई भी काउंटर नहीं है। यानि जरूरी जांच, ऑपरेशन, इलाज, रहना और खाना सब कुछ मुफ्त है। इस अस्पताल में भर्ती होने वाले 12 वर्ष तक के बच्चों के साथ दो व्यक्तियों को तथा 12 से 18 वर्ष तक के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के साथ एक व्यक्ति के रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है।
इस अस्पताल के अंदर बच्चों के हृदय रोग के 25 तरह के आपरेशन होते हैं। निजी अस्पतालों में इसका खर्च 3 से 15 लाख रुपये आता है लेकिन यहां यह फ्री है। यहां बेहतर डॉक्टरों की टीम है जो एक दिन में कम से कम पांच ऑपरेशन करती है। जिसमें से तीन आपरेशन ओपन हार्ट सर्जरी का होता है।
देश -विदेश के 4500 बच्चों का फ्री आपरेशन
अस्पताल के शुरू होने के बाद से अब तक यहां 4500 बच्चों के दिल का ऑपरेशन हो चुका है। यहां अपने बच्चों के हृदय का इलाज कराने के लिए छत्तीसगढ़ समेत देश के 28 राज्यों और नौ अन्य देशों के लोग आ चुके हैं। श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल में फिजी के दो बच्चों, पाकिस्तान के नौ बच्चों, बांग्लादेश के 11 बच्चों, नाइजीरिया के आठ बच्चों, नेपाल और श्रीलंका के पांच-पांच बच्चों, अफगानिस्तान के दो बच्चों तथा लाइबेरिया और यमन के एक एक बच्चे के दिल का इलाज किया गया है। वहीं, यहां के चिकित्सकों के दल ने फिजी जाकर 26 बच्चों के दिल का आपरेशन किया था। यह आंकणे अप्रैल 2018 तक के हैं।