एमपी में खुदकुशी की 'बोर्ड परीक्षा': 12 छात्रों ने मार्क्स कम आने पर मौत को लगाया गले

मध्य प्रदेश में बोर्ड परिक्षा के परिणाम के बाद छात्रों में खुशी की लहर है, लेकिन जिन छात्रों को परिक्षा में सफलता नहीं मिली उनके चेहरों पर निराशा है।

Update: 2017-05-13 09:36 GMT

भोपाल: मध्य प्रदेश में बोर्ड परीक्षा के परिणाम के बाद छात्रों में खुशी की लहर है, लेकिन जिन छात्रों को परीक्षा में सफलता नहीं मिल सकी उनके चेहरों पर निराशा छाई हुई है। इसी निराशा के चलते 12 छात्र अपनी जिंदगी को अलविदा कह गए। इन बच्चों ने महज इसलिए खुदकुशी कर ली क्योंकि उन्हें 90 प्रतिशत मार्क्स मिलने की उम्मीद थी, जो उन्हें हासिल नहीं हुए।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सतना जिले के खमहरिया पैसिहान गांव की रहने वाली रश्मि (18) ने 12वीं और उसके भाई दीपेंद्र (15) ने 10वीं की परीक्षा दी थी। रिजल्ट आने के कुछ देर बाद ही भाई- बहन ने खुदकुशी कर ली। दोनों के खुदकुशी करने का कारण था परीक्षा में फेल हो जाना।

90 प्रतिशत मार्क्स न आने पर मौत को गले लगाया

रिजल्ट के बाद रश्मि ने फांसी लगाकर खुदकुशी की थी। बहन के शव को देखने के बाद दीपेंद्र ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। भोपाल के रहने वाले नमन ने खुद को जहर का इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली। 12वीं के छात्र नमन के 74 प्रतिशत मार्क्स आए थे, जबकि उसे 90 प्रतिशत मार्क्स आने की उम्मीद थी।

नमन की मां एक अस्पताल में नर्स हैं, इसलिए उसे घर पर ही इंजेक्शन मिल गया। वहीं इंदौर, भिंड, ग्वालियर, बालाघाट और जबलपुर में भी 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले कुछ छात्रों ने कम नंबर आने के कारण ट्रेन के आगे कूद, जहर खाकर और फांसी लगाकर खुदकुशी कर अपनी जिंदगी को अलविदा कर गए। पुलिस इन सभी मामलों की जांच में जुटी है।

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