गुजरात दंगा: नरोदा पाटिया केस में 4 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 में गुजरात में हुए बहुचर्चित नरोदा पाटिया दंगा मामले में चार दोषियों को जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है। यह घटना गुजरात दंगों से जुड़ी है, जहां अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में 28 फरवरी 2002 को उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के करीब 97 लोगों की हत्या कर दी थी।

Update: 2019-01-23 07:39 GMT

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 में गुजरात में हुए बहुचर्चित नरोदा पाटिया दंगा मामले में चार दोषियों को जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है। यह घटना गुजरात दंगों से जुड़ी है, जहां अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में 28 फरवरी 2002 को उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के करीब 97 लोगों की हत्या कर दी थी।

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इन 4 लोगों को दी जमानत

जमानत मिलने वालों में उमेश भाई भारवाड, राजकुमार, हर्षद और प्रकाशभाई राठौड़ शामिल हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इनकी उस अपील को स्वीकार कर लिया है जिसमें उनके खिलाफ सुनाए गए फैसले पर चर्चा होनी है।

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दंगे में 97 लोगों की हुई थी मौत

गौरतलब है कि फिछले साल अप्रैल में गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया था, जिसमें इन चारों दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई थी। नरोदा पाटिया जनसंहार में कुल 97 लोगों की मौत हुई थी।

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गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए बीजेपी की नेता रहीं माया कोडनानी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था, जबकि बजरंग दल के बाबू बजरंगी की सजा को बरकरार रखा था।

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इस धारा में कोर्ट ने ठहराया था दोषी

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को चार मुख्य दोषियों को जमानत दे दी। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि उनको दोषी करार दिए जाने पर संदेह है। इस मामले में अभी बहस की गुंजाइश है। इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया गया। इन सभी दोषियों को आईपीसी की धारा 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग लगाना या विस्फोट करना) के तहत दोषी ठहराया गया था।

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