SBI Electoral Bonds: सुप्रीमकोर्ट ने स्टेट बैंक से कोड नम्बर भी बताने को कहा

SBI Electoral Bonds: चुनावी बांड पर दी गई कोड संख्या दानदाताओं और राजनीतिक दलों के बीच संबंधों को उजागर करती हैं, यानी किसने विशेष रूप से किस पार्टी को दान दिया।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2024-03-15 07:34 GMT

SBI Electoral Bonds  (photo: social media )

SBI Electoral Bonds:  सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से कहा है कि वह राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त सभी चुनावी बांड (Electoral Bond) पर लिखी कोड संख्या (यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक डिटेल) बताए। बता दें कि चुनावी बांड पर दी गई कोड संख्या दानदाताओं और राजनीतिक दलों के बीच संबंधों को उजागर करती हैं, यानी किसने विशेष रूप से किस पार्टी को दान दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि स्टेट बैंक ने अदालती आदेश के बावजूद बांड की पूरी जानकारी नहीं दी है।

अदालत की नाराजगी

स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) को चुनावी बांड (Electoral Bond) पर डेटा जमा किया था। लेकिन बैंक ने कोड संख्या का खुलासा फिर भी नहीं किया। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से मामले में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) और वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) की दलीलों पर ध्यान दिया कि एसबीआई द्वारा चुनावी बांड के अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों का खुलासा नहीं किया गया है। इस बात से नाराज कि स्टेट बैंक ने बांड संख्या का खुलासा नहीं किया, शीर्ष अदालत ने आज बैंक को नोटिस जारी किया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च के लिए तय की।

कोर्ट का आदेश

सुप्रीमकोर्ट (Supreme Court) ने अपने रजिस्ट्रार (न्यायिक) को यह भी निर्देश दिया कि चुनाव आयोग द्वारा जमा किए गए चुनावी बांड का डेटा जब ओएस स्कैन और डिजिटल हो जाए तब उसके बाद डेटा को एक सीलबंद कवर में आयोग को वापस करना सुनिश्चित करें। आयोग को डेटा की वापसी 16 मार्च की शाम 5 बजे तक करनी होगी और इसे रविवार शाम तक इसे अपलोड करना होगा। चुनाव आयोग ने अदालती कार्यवाही के दौरान जमा किए गए सीलबंद कवर दस्तावेजों (चुनावी बांड) की प्रतियां अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

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