Supreme Court ने लोकपाल के आदेशों पर लगाई रोक, हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ शिकायत से जुड़ा है मामला
Supreme Court on Lokpal's Orders: सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसमें कहा गया था कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ शिकायतों की जांच करना लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है।;
सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court on Lokpal's Orders: हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ शिकायत के खिलाफ जांच को लेकर लोकपाल के आदेशों पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कहा है कि लोकपाल के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ शिकायतों की जांच करना लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है।
सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के आदेश पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र, लोकपाल के रजिस्ट्रार और लोकपाल के समक्ष शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और अभय एस ओका की पीठ ने लोकपाल के तर्क पर असहमि जताते हुए लोकपाल के आदेश पर रोक लगा दी है। पीठ ने शिकायतकर्ता को हाई कोर्ट के जज का नाम शिकायल की विषय वस्तु का खुलासा करने से रोक दिया।
जस्टिस गवई ने लोकपाल के तर्क पर टिप्प्णी करते हुए कहा कि यह बहुत परेशान करनेवाली बात है। भारत के सॉलिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोकपाल की व्याख्या गलत है और हाई कोर्ट के जज को लोकपाल के अधीन लाने का इरादा कभी नहीं था।
जस्टिस गवई और जस्टिस ओका ने कहा कि संविधान लागू होने के बाद सभी हाई कोर्ट के जज संवैधानिक प्राधिकारी हैं। उन्हें महज वैधानिक पदाधिकारी नहीं माना जा सकता, जैसा कि लोकपाल ने कहा है। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी लोकपाल के फैसले की आलोचना की सथ ही पीठ से इस पर रोक लगाने की अपील की।
क्या है मामला
बता दें कि 27 जनवरी को पारित आदेश में लोकपाल एक शिकायत पर निर्णय कर रहा था, जिसमें कार्यरत हाई कोर्ट के न्यायाधीश पर एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश और एक अन्य हाई कोर्ट के न्यायाधीश को एक निजी कंपनी के पक्ष में प्रभावित करने का आरोप लगाया था।