Delhi Liquor Scam Case: संजय सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को जारी किया नोटिस, शराब घोटाले से जुड़ा है मामला
Delhi Liquor Scam Case: पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी उन्हीं नेताओं में से हैं, जो तकरीबन डेढ़ माह से ईडी की हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने अपने रिमांड और गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की, जिसपर आज सुनवाई हुई।
Delhi Liquor Scam Case: चर्चित दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के कुछ बड़े नेता फंसे हुए हैं। उनके विरूद्ध सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी उन्हीं नेताओं में से हैं, जो तकरीबन डेढ़ माह से ईडी की हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने अपने रिमांड और गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की, जिसपर आज सुनवाई हुई।
शीर्ष अदालत ने आप नेता की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई दिसंबर के दूसरे हफ्ते में होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने सुनवाई के दौरान संजय सिंह से कहा कि आपको गिरफ्तारी को चुनौती देने की बजाय निचली अदालत में जमान के लिए याचिका दायर करना चाहिए था।
हाईकोर्ट ने खारिज दी थी याचिका
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। 20 अक्टूबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने माना कि आप नेता की गिरफ्तारी कानून के आधार पर हुई है। साथ ही यह भी कहा कि जांच एजेंसी पर राजनीति के आधार पर काम करने का आरोप नहीं लगाया जा सकता।
संजय सिंह पर क्या हैं आरोप ?
आबकारी नीति केस की चार्जशीट में आप सांसद संजय सिंह का भी नाम है। जनवरी में जांच एजेंसी ने उनका नाम जोड़ा था। चार्जशीट में उनपर 82 लाख रूपये चंदा लेने का आरोप है। इस मामले में आरोपी और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सरकारी गवाह बने बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा ने पूछताछ के दौरान ईडी के सामने सिंह का नाम लिया था। जिसके बाद ईडी ने बीते 24 मई को सांसद संजय सिंह के कई करीबियों के यहां छापेमारी की थी। संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ने 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में हैं।
संजय सिंह के अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। आबकारी विभाग उन्हीं के अंदर था। उन पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर ऐसी नीतियां बनाईं ताकि शराब कारोबारियों को फायदा हो, जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।