सुप्रीम कोर्ट ने बहाल किया बीएचयू, एएमयू में संस्थागत आरक्षण

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यूपी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर मेडिकल पाठ्यक्रमों की सीटों के लिए 50 प्रतिशत आंतरिक संस्थागत वरीयता आरक्षण को बहाल कर दिया।

Update: 2017-06-07 10:42 GMT
सुप्रीम कोर्ट ने बहाल किया बीएचयू, एएमयू में संस्थागत आरक्षण

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यूपी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर मेडिकल पाठ्यक्रमों की सीटों के लिए 50 प्रतिशत आंतरिक संस्थागत वरीयता आरक्षण को बहाल कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया के लिए 29 मई के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर दिया, जिसमें इन संस्थानों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (नीट) 2017 के जरिए प्रवेश देने का निर्देश दिया गया था।

जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसरण में यूपी सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदम भी प्रभावी रहेंगे।

जस्टिस गुप्ता ने फैसला सुनाते हुए काउंसलिंग की अवधि बढ़ाकर 12 जून कर दी। तब तक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश की संपूर्ण प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। वाराणसी में बीएचयू और अलीगढ़ में एएमयू ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुहार लगाई थी।

--आईएएनएस

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