Supreme Court: आपसी सहमति से बनाया गया यौन संबंध दुष्कर्म नहीं... जानें किस केस में SC ने सुनाया फैसला

Supreme Court: आज एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लम्बे समय से सहमति के साथ यौन संबंध बनाने को दुष्कर्म नहीं माना जा सकता।

Newstrack :  Network
Update:2024-11-28 14:33 IST

Supreme Court (social media) 

Supreme Court: आज सुप्रीम कोर्ट ने शारीरिक संबंधों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल शारीरिक संबंध मामले से जुड़े दुष्कर्म मामले में दर्ज प्राथमिकी को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुए कहा कि महिला आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने के बाद दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं करा सकती। यह केस महेश दामू खरे के खिलाफ वनिता एस जाधव ने सात साल पहले दर्ज कराया था। आज महिला द्वारा दायर याचिका को ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

इस केस पर सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की पीठ कर रही थी। पीठ ने इस तरह के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पहले सहमति से यौन संबंध बनाये जाते है बाद में जब लम्बे समय से रिश्तों में कड़वाहट आने लगती है तो उसे बलात्कार करार देने की मांग की जाती है। 

क्या था मामला 

यह मामला मुंबई का है। जहाँ एक विवाहित व्यक्ति खरे और एक विधवा महिला जाधव ने बीच शारीरिक संबंध साल 2008 से ही थे। बाद में विधवा महिला जाधव ने अपने प्रेमी पर धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने शादी का वादा किया था। जिसके बाद उसने शारीरिक संबंध बनाये। लेकिन बाद में वह अपनी बातों से मुकर गया और शादी नहीं की। बाद में महिला ने इसकी शिकायत दर्ज कराई और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जहाँ मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने महिला की रिपोर्ट ख़ारिज कर दी। इसके साथ ही कोर्ट ने इसपर चिंता भी जाहिर की। कोर्ट ने कहा की शादी से पहले आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं, बाद में अनबन होने पर केस दर्ज कराया जाता है। इस तरह की घटनाएं चिंंताजनक हैं। 

कोर्ट ने फैसले में क्या कहा 

आज इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला पूरी तरह से परिपक्व व्यक्ति है। जो अपने कृत्यों के परिणामों को स्पष्ट रूप से समझने में सक्षम है। वो इस बात से पूरी तरह से अवगत थी कि जिनके साथ वो इस संबंध में हैं वो एक विवाहित व्यक्ति है। याचिकाकर्ता को यह बात पहले से मालूम थी कि उसके प्रेमी की पहले से दो पत्नियां है। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यौन संबंध के लिए सहमति के आधार पर शादी करने के झूठे वादे के उल्लंघन की शिकायत महिला को तत्परता के साथ दर्ज करानी चाहिए। यह वर्षों तक शारीरिक संबंध जारी रखने के बाद नहीं करायी जानी चाहिए। 

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