सुरेश प्रभु ने कहा- भारत में नहीं हो सकता रेलवे का निजीकरण, आम जनता के हित सर्वोपरि

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे की निजीकरण की संभावनाओं को खारिज किया है उन्होंने कहा कि आम जनता के हित को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।

Update: 2017-04-27 13:05 GMT
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे की निजीकरण की संभावनाओं को खारिज किया है उन्होंने कहा कि आम जनता के हित को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।

नई दिल्ली: रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे की निजीकरण की संभावनाओं को खारिज किया है उन्होंने कहा कि आम जनता के हित को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।

जब सुरेश प्रभु से यह पूछा गया कि दीर्घकालिक दृष्टि अपनाने पर ऐसा प्रतीत होता है कि रेलवे आम जनता के परिवहन का किफायती माध्यम नहीं रहकर निजीकरण की राह पर चला जाएगा तो उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा नहीं हो सकता। रेलवे एकमात्र माध्यम बना रहेगा। मेरे ख्याल से रेलवे आम जनता के लिए परिवहन का अंतिम विकल्प है और हमें इस भार और जिम्मेदारी का निर्वहन करना है।

रेलवे के निजीकरण के विचार को खारिज करते हुए सुरेश प्रभु ने कहा कि आप यह नहीं कह सकते हैं कि निजीकरण के जरिए रेलवे की समस्याओं का समाधान संभव है। समाधान नतीजा आधारित कदम पर निर्भर होना चाहिए।

दुनिया में बहुत कम रेलवे का निजीकरण हुआ है। ब्रिटेन की रेलवे के एक हिस्से का निजीकरण हुआ। उसे किसने खरीदा? इटली के रेलवे ने, जिसका नियंत्रण इटली की सरकार करती है। सरकारी संस्थाएं इसे खरीद रही हैं। हम ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों को लेकर चिंतित हैं।

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