जिनके कहने पर मुझे देश से निकाला, उन्हीं का शिकार बनीं शेख हसीना, कट्टरपंथियों पर भड़कीं तसलीमा नसरीन
Bangladesh Protests: बांग्लादेश से निर्वासित होने के बाद भारत में रह रहीं तसलीमा नसरीन ने कहा कि कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए शेख हसीना ने मुझे बांग्लादेश से बाहर निकाल दिया था।
Bangladesh Protests: बांग्लादेश में हो रही हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी के बीच बांग्लादेश की लेखिका और एक्टिविस्ट तसलीमा नसरीन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता जताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने बांग्लादेश में पैदा हुए खराब हालत के लिए शेख हसीना को ही जिम्मेदार ठहराया है।
बांग्लादेश से निर्वासित होने के बाद भारत में रह रहीं तसलीमा नसरीन ने कहा कि कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए शेख हसीना ने मुझे बांग्लादेश से बाहर निकाल दिया था। फिर कभी मुझे बांग्लादेश में दाखिल होने नहीं दिया गया। अब आज उन कट्टरपंथियों की वजह से ही शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा है।
शेख हसीना की गलत नीतियां जिम्मेदार
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन के बाद से ही बांग्लादेश की स्थिति काफी खराब बनी हुई है। पूरे देश में हिंसा और प्रदर्शनकारियों के दबाव के चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और वे बांग्लादेश छोड़कर भारत पहुंच गई हैं। इस बीच प्रसिद्ध लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि बांग्लादेश को इस हालात में पहुंचाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की गलत नीतियां ही जिम्मेदार हैं।
खुद को देश से निकालने का किया जिक्र
तस्लीमा नसरीन में एक्स पर पोस्ट में अपने साथ किए गए जुल्म की याद दिलाई है। उन्होंने लिखा कि 1999 में जब मेरी मां अंतिम सांसें गिन रही थीं और मैं उन्हें देखने के लिए बांग्लादेश में दाखिल हुई तो कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए शेख हसीना ने मुझे अपने देश से बाहर निकाल दिया।
शेख हसीना के इस कदम के पीछे मकसद कट्टरपंथियों को खुश करना था। इसके बाद मुझे कभी बांग्लादेश में नहीं घुसने दिया गया। अब आज कट्टरपंथियों ने ही शेख हसीना को देश छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया। छात्र आंदोलन में कट्टरपंथी तत्व शामिल रहे हैं जिन्होंने देश का माहौल काफी खराब कर दिया है।
कट्टरपंथियों को शेख हसीना ने दिया बढ़ावा
तसलीमा नसरीन ने कहा कि अपनी मौजूदा स्थिति के लिए शेख हसीना खुद जिम्मेदार हैं। अपनी गलत नीतियों के कारण ही उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा है। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने हमेशा कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने का काम किया।
ऐसे लोगों को खूब भ्रष्टाचार करने के मौके दिए। बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए। बांग्लादेश में सेना को शासन नहीं करना चाहिए। राजनीतिक दलों को देश में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की नीति का पालन करना चाहिए।
बांग्लादेश में किया राक्षसों का निर्माण
तसलीमा नसरीन ने दो दिन पूर्व भी शेख हसीना पर बड़ा हमला बोला था। उस समय शेख हसीना प्रधानमंत्री पद छोड़कर देश से नहीं भागी थीं। तसलीमा ने कहा था कि शेख हसीना फ्रेंकस्टीन की तरह हैं। उन्होंने बड़ी संख्या में मस्जिदों और मदरसों को प्रायोजित करके, स्त्री विरोधी इस्लामी उपदेशकों को युवाओं का ब्रेनवॉश करने की अनुमति देकर और इस्लामी स्कूल की डिग्री को धर्मनिरपेक्ष विश्वविद्यालय की डिग्री के बराबर बनाकर राक्षसों का निर्माण किया।
अब वे ही राक्षस चाहते हैं कि वे चली जाएं। दरअसल अंग्रेजी साहित्य में एक ऐसे वैज्ञानिक डॉ. विक्टर फ्रेंकस्टीन का जिक्र मिलता है, जिसने एक राक्षस बनाया था और उसी राक्षस ने वैज्ञानिक के घर-परिवार और दोस्तों को ही खत्म कर दिया था।
हिंदुओं के घरों पर किए जा रहे हमले
तसलीमा नसरीन ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर किए जा रहे हमले का भी जिक्र किया है। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि कट्टरपंथी हिंदू घरों पर हमले कर रहे हैं जिससे लोग डरे हुए हैं। तसलीमा नसरीन ने कहा कि आज बांग्लादेश की जनता सड़क पर है जबकि बांग्लादेश के 24 मंत्री और सांसद अपने परिवार के साथ देश छोड़कर यूरोप और अमेरिका भाग निकले हैं।