दिल्ली में लाशों का ढेर, तो क्या छिपाए जा रहे सही आंकड़े

वैसे दिल्ली में कोरोना के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं इसके चलते यह जरूरी हो गया है कि कोरोना से होने वाली मौतों में मृतकों के दाह संस्कार के लिए नए ग्राउंड आदि की पहचान की प्लानिंग एडवांस में की जाए। अभी तक इस दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हुई है।

Update:2020-06-12 16:12 IST

दिल्ली में कोरोना से हालात बेकाबू हो गए हैं। केवल गुरुवार को कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 65 बताया जा रहा है। एक दिन में होने वाली मौतों का यह आंकड़ा सबसे बड़ा है। इसके अलावा 1085 लोगों के अब तक कोरोना वायरस से मरने का दावा किया जा रहा है।

लेकिन दिल्ली से कोरोना से होने वाली मौतों के दो आंकड़े सामने आ रहे हैं और दोनों में जबर्दस्त अंतर है। ऐसे में ये सवाल उठने लगा है कि दिल्ली सरकार और एमसीडी में कोरोना मौतों के आंकड़ों को लेकर सही कौन है।

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एमसीडी के दावे की बात करें तो उस का कहना है कि दिल्ली में गुरुवार तक 2098 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। इसमें भी सबसे ज्यादा मौतें साउथ एमसीडी में दर्ज हैं जहां 1080 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है।

जबकि नॉर्थ एमसीडी में 976 और ईस्ट एमसीडी में 42 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। ये सभी मौतें कोरोना संक्रमितों की बतायी गई हैं। जबकि दिल्ली की केजरीवाल सरकार 1085 लोगों की मौत का दावा कर रही है। ऐसे में ये सवाल अनुत्तरित है कि इन दोनो में सही कौन है।

पेंच दर पेंच, बहुत उलझा है मामला

इस पूरे मामले में एक पेंच यह है कि दिल्ली की आप सरकार ने 20 अप्रैल को एक डेथ ऑडिट कमेटी बनाई थी। यह कमेटी बताती है कि मरने वाला कोरोना संक्रमित था या नहीं। यानी कमेटी के हिसाब से जिसकी मौत कोरोना संक्रमण पॉजिटिव होने के बाद होती है केवल उसको ही कोरोना मौतों में गिना जाता है।

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इस पूरे मामले में एक पेंच आईसीएमआर के ताजा दिशा-निर्देशों का भी है। निर्देशों के मुताबिक अगर किसी शख्स का कोरोना टेस्ट मौत से पहले नहीं होता है, तो फिर मृत शरीर से कोरोना जांच के लिए सैंपल तक नहीं लिए जाते हैं, लेकिन लक्षण के आधार पर उस शव का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक ही होता है। ऐसे में एमसीडी के आंकड़ों का दिल्ली सरकार के आंकड़ों से मेल खाना संभव नहीं है।

वैसे दिल्ली में कोरोना के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं इसके चलते यह जरूरी हो गया है कि कोरोना से होने वाली मौतों में मृतकों के दाह संस्कार के लिए नए ग्राउंड आदि की पहचान की प्लानिंग एडवांस में की जाए। अभी तक इस दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हुई है।

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