TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कोरोना की चपेट में आया ये सेक्टर, लग सकता है तगड़ा झटका

फूड डिलीवरी सेक्टर कोरोना के कारण संकट में आ गया है। फूड डिलीवरी के अलावा तकनीक से जुड़े कई अन्य स्टार्टअप भी संकट से घिरे हुए हैं।

Rahul Joy
Published on: 12 Jun 2020 4:07 PM IST
कोरोना की चपेट में आया ये सेक्टर, लग सकता है तगड़ा झटका
X
zomato & swiggy

नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है। 2019 में देश में 1,300 नए स्टार्टअप शुरू हुए थे। पिछले साल नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के 10 साल के भीतर 10 गुना रफ्तार के साथ बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन कोविड-19 इस सेक्टर को भी अपनी गिरफ्त में ले चुका है।

लेकिन जिन स्टार्टअप ने समय के साथ अपने बिजनेस को बदल दिया वो संकट से उबर जाएंगे। जिन स्टार्ट अप ने बिजनेस को नए रास्ते पर दिशा दी उनमें वेंचर कैप्टलिस्ट भी पैसा लगा रहे हैं। कोरोना काल में कई स्टार्टअप शुरू भी हुए हैं। इनमें फिटनेस, टेलीमेडिसिन, हेल्थ सेफ्टी किट आदि का निर्माण करने वाली कंपनियाँ भी शामिल हैं। जो स्टार्टअप विनिर्माण में उतरे हैं उनके लिए आगे का समय अच्छा माना जा रहा है।

स्टार्टअप्स को कोरोना का झटका, संकट में शेयरिंग इकनॉमी

कई स्टार्टअप संकट में घिरे है

बहरहाल, जिन भारतीय स्टार्टअप ने अपने आप को नहीं बदला है उनके लिए हालात मुश्किल भरे हो गए हैं। खासतौर पर फूड डिलीवरी सेक्टर कोरोना के कारण संकट में आ गया है। फूड डिलीवरी के अलावा तकनीक से जुड़े कई अन्य स्टार्टअप भी संकट से घिरे हुए हैं। फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने 13 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी। कंपनी में कुल 4,000 लोग अलग-अलग भूमिका में काम करते हैं। जिनकी नौकरी नहीं जाएगी उनके वेतन में 50 फीसदी तक की कटौती की जाएगी।

नहीं रहा राजनैतिक शेर: दिग्गज सपा नेता का निधन, शोक में डूबी पार्टी

कई कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का ऐलान

जोमैटो की प्रतिद्वंद्वी कंपनी स्विगी ने इसके बाद 18 मई को 1,100 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का ऐलान किया। स्विगी ने अपने मुख्यालय समेत सभी शहरों में काम कर रहे कर्मचारियों को हटाने का फैसला लिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर तक कंपनी के पेरोल पर करीब 8,000 कर्मचारी थे।

नहीं बचा पैसा

नैसकॉम के एक सर्वेक्षण के मुताबिक 70 फीसदी स्टार्टअप के पास बिजनेस चलाने के लिए सिर्फ तीन महीने से भी कम समय का नकद बचा है। नैसकॉम ने कोविड-19 के प्रभावों को जानने के लिए एक महीने तक ई सर्वे किया था।

स्टार्टअप ने राजस्व में गिरावट दर्ज की

सर्वे कहता है 10 में से 9 स्टार्टअप ने राजस्व में गिरावट दर्ज की है। इस सर्वे में पाया गया कि सबसे ज्यादा प्रभावित सेगमेंट शुरूआती और मध्य स्तर वाले हैं। नैसकॉम के सर्वे के मुताबिक 60 फीसदी बी2सी स्टार्टअप लगभग बंद होने का सामना कर रहे हैं। बेंगलुरू स्थित शेयरचैट कंपनी ने भी 101 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।

इस कंपनी में पिछले साल ट्विटर ने 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। कंपनी को आशंका है कि कोविड-19 के कारण विज्ञापन का बाजार अप्रत्याशित रहेगा। एक और कंपनी वीवर्क ने भी मंगलवार को 100 लोगों को नौकरी से निकालने की घोषणा की है, दफ्तर साझा का बिजनेस करने वाली वीवर्क कंपनी भी लॉकडाउन के दौरान अपनी लागत कम करना चाहती है।

अभी-अभी पाकिस्तान बौखलाया: सेना पर चला रहा गोलियां, लगातार फायरिंग जारी



\
Rahul Joy

Rahul Joy

Next Story