अयोध्या मामला: आज बंद दरवाजों के पीछे होगी जजों की बैठक
बता दें कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की। इस दौरान विभिन्न पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं।
नई दिल्ली: देश के सर्वोच्च न्यायालय में अयोध्या की विवादित भूमि को लेकर 6 अगस्त से चल रही सुनवाई आखिरकार बुधवार को पूरी ही हो गई है। रामजन्मभूमि मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ गुरुवार को फिर से एकत्रित होगी।
मीडिया रिपार्ट के मुताबिक पांच जजों की ये बेंच गुरुवार को चेंबर में बैठेगी। बंद दरवाजे के पीछे होने वाली इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट को लेकर उसकी सामग्री सार्वजनिक करने की जरूरत है या नहीं इस पर विचार करेंगे।
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बता दें कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की। इस दौरान विभिन्न पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं।
संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय भी दिया है। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।
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