Tour of Duty: तो बदल जाएगा सेना में भर्ती का फॉर्मेट, 'टूर ऑफ ड्यूटी' के तहत 4 साल के लिए होगी भर्ती
Tour of Duty में प्रावधान ये है, कि युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा।तीनों सेवाओं थल सेना, नौसेना और वायु सेना में भर्ती की नई प्रणाली में परिवर्तन प्रस्तावित है।
Tour of Duty Recruitment : देश के युवाओं में भारतीय सेना में शामिल होकर राष्ट्रभक्ति और सेवा का सपना हर दौर में रहा है। राष्ट्र सेवा हर नागरिक का कर्तव्य भी होता है। आज ऐसे युवाओं की तादाद काफी अधिक है जो भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखते हैं। ऐसे युवाओं के लिए 'टूर ऑफ ड्यूटी' (Tour of Duty) की प्रक्रिया चल रही है।
बता दें कि, थल सेना (Indian Army), नौसेना (Navy) और वायुसेना (Air Force) में अब जवानों की भर्तियां 'टूर ऑफ ड्यूटी' (Tour of Duty) के तहत की जाएगी। इसके तहत प्रावधान ये है, कि युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा। हालांकि, टूर ऑफ़ ड्यूटी के तहत तीनों सेवाओं यानी थल सेना, नौसेना और वायु सेना में भर्ती की नई प्रणाली में थोड़ा परिवर्तन प्रस्तावित है।
'टूर ऑफ़ ड्यूटी' के अंतिम प्रारूप पर चर्चा
युवाओं के मन में सवाल उठना लाजमी है कि, 'टूर ऑफ ड्यूटी' है क्या? तो बता दें कि, इसके तहत भर्ती किए गए जवानों में से 100 प्रतिशत चार साल बाद सेवा से मुक्त किए जाएंगे। फिर, उनमें से 25 फीसद को पूर्ण सेवा के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की खबर की मानें तो 'टूर ऑफ़ ड्यूटी' के अंतिम प्रारूप पर बहुत चर्चा हुई। चर्चा के दौरान कुछ नए सुझाव प्रस्तावित भी किए गए। संभावना है कि उन्हें स्वीकार किया जाए। क्योंकि, नई भर्ती योजना की घोषणा कभी भी संभव है।
सिर्फ 4 साल के लिए होगी भर्ती !
'टूर ऑफ़ ड्यूटी' के शुरुआती प्रस्ताव के विपरीत नियमों में बदलाव के सुझाव दिए गए हैं। ज्ञात हो कि, पहले 'टूर ऑफ़ ड्यूटी' के तहत देश के निवासियों को 3 साल के लिए भारतीय सेना (Indian Army) में शामिल होने की बात कही गई थी। लेकिन, अब चार साल की संविदा सेवा (Contract Service) के बाद इन सैनिकों को सेवा मुक्त किए जाने के बात कही जा रही है। मगर, तक़रीबन 30 दिनों की अवधि के साथ, उनमें से 25 प्रतिशत को वापस बुला लिया जाएगा। उन्हें शामिल होने की एक नई तिथि के साथ सैनिकों रूप में फिर से भारतीय सेना में भर्ती किया जाएगा।
चार सालों की होगी कॉन्ट्रैक्ट सर्विस
'टूर ऑफ़ ड्यूटी' (Tour of Duty) के तहत लिए गए सैनिकों को उनकी पिछले चार सालों की संविदा सेवा (contract service) को वेतन और पेंशन (Salary and Pension) के निर्धारण के लिए उनकी पूर्ण सेवा में नहीं गिना जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो तीनों सेवाओं में सैनिकों के कुछ ट्रेड (Trades) के लिए अपवाद भी होंगे। इनमें उनकी नौकरी के तकनीकी स्वभाव की वजह से उन्हें 4 साल की संविदा सेवा से अलग रखा जा सकता है। उम्मीद है इनमें आर्मी मेडिकल कोर (Army Medical Corps) में सेवारत कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं।
अन्य सुझाव भी दिए गए
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, 'टूर ऑफ ड्यूटी' से संबंधित एक प्रस्ताव यह भी था, कि तकनीकी रूप से कुशल लोगों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से सीधी भर्ती मिले। ताकि, उनके प्रशिक्षण पर अधिक समय खर्च न हो। आर्मी ट्रेनिंग कमान (Army Training Command) को इस संबंध में एक अध्ययन करने का काम भी दिया गया था। ये अलग बात है कि, इसके नतीजों का अभी पता नहीं चल सका है। वहीं, दूसरी तरफ, सेना में भर्ती (Army Recruitment) में देरी से युवाओं में भविष्य को लेकर चिंता बढ़ रही है।