'दो साल में देश से वामपंथी उग्रवाद उखाड़ फेकेंगे', गृह मंत्री अमित शाह की नक्सलवाद के खिलाफ हुंकार

Amit Shah on Left Extremism : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि, आगामी दो वर्षों में देश से वामपंथी उग्रवाद का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'नक्सलवाद मानवता के लिए अभिशाप है।'

Report :  aman
Update: 2023-10-06 13:47 GMT

गृह मंत्री अमित शाह बैठक के दौरान (Social Media)

Amit Shah on Left Extremism: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah ने 'वामपंथी उग्रवाद' (Leftist Extremist) पर कड़ा प्रहार किया। केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार (06 अक्टूबर) को कहा, 'दो वर्षों से देश से वामपंथी उग्रवाद का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। ये बातें उन्होंने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अमित शाह ने कहा, 'वर्ष 2022 में पिछले चार दशकों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा और मौतों की सबसे कम घटनाएं हुईं।'

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने भरोसा जताया, 'दो वर्ष के भीतर देश से वामपंथी उग्रवाद का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। वो ये भी बोले, नक्सलवाद (Naxalism) मानवता के लिए अभिशाप है। हम इसे इसके सभी स्वरूपों में उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

कई राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में हुए शामिल

गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों से कहा, 'नक्सल प्रभावित राज्यों में हिंसक घटनाओं में 2010 के मुकाबले 2022 में 77 फीसदी तक की कमी आई है।' समीक्षा बैठक में महाराष्ट्र (Maharashtra), आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) और झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बैठक में शिरकत की। इसके अलावा ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व राज्य के मंत्रियों ने किया।

हिंसक घटनाओं में 12 वर्षों में 77% की कमी

बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) भी मौजूद थे। अधिकारियों ने कहा, 'नक्सल प्रभावित राज्यों में हिंसक घटनाओं में 2010 के मुकाबले 2022 में 77 फीसदी की कमी आई है। समीक्षा बैठक (Amit Shah Review Meeting) में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और झारखंड के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। महाराष्ट्र की तरफ से उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने भी बैठक में उपस्थित रहे। इनके अलावा, ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व राज्य के मंत्रियों ने किया। 

'वामपंथी उग्रवाद' में महत्वपूर्ण सुधार

मीटिंग में अधिकारियों ने ये भी बताया कि, 'पिछले 5 वर्षों में देश में 'वामपंथी उग्रवाद' (Left Wing Extremism) से संबंधित सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। केंद्र सरकार ने साल 2015 में LWE से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना’ को मंजूरी दी थी। अधिकारियों ने आगे कहा, कि नीति में एक बहुआयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है। इसमें सुरक्षा संबंधी उपाय, विकास संबंधी कामकाज, स्थानीय समुदायों के अधिकार तथा हकदारी सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं।' उन्होंने ये भी कहा कि इस पॉलिसी के लगातार कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप देशभर में वामपंथी उग्रवाद की हिंसा में लगातार कमी आई है।

मौतों की संख्या में भी 90% कमी आई

इस बैठक में एक रिपोर्ट पेश की गई। जिसके तहत वर्ष 2010 की तुलना में 2022 में सुरक्षाबलों और नागरिकों की मौतों की संख्या में भी 90 फीसदी की कमी आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से तैयार आंकड़ों के अनुसार, साल 2004 से 2014 तक, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 17,679 घटनाएं हुईं और 6,984 मौतें हुईं। इसके विपरीत, 2014 से 2023 तक (15 जून 2023 तक) वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 7,649 घटनाएं हुई हैं और 2,020 मौतें हुई।'

Tags:    

Similar News