भारत पर हमला! अब तक की सबसे बड़ी साजिश, अमेरिका ने किया खुलासा

वरिष्ठ अमेरिकी आयोग ने यूएस की संसद में चीन पर एक रिपोर्ट दी, जिसमे कहा गया कि चीन जानबूझ कर अपने पड़ोसी देशों को उकसा रहा है और आक्रामक अभियानों को तेज कर रहा है।

Update: 2020-12-03 04:46 GMT
दुनियाभर में जंग के बनते हालातों को देखते हुए भारतीय सेना की ताकत अब कई गुना बढ़ जाएगी। जिससे भारतीय सेना दुश्मन को आसानी से धूल चटाने में सफल हो सकेगी।

लखनऊ: भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख में गलवान घाटी पर हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए। एलएसी पर भी संघर्ष पूर्ण स्थिति बन गयी। इस मामले में अमेरिका भारत के समर्थन में खुल कर खड़ा है। वहीं अब अमेरिका के एक शीर्ष आयोग ने वहां की संसद में इस बाबत एक रिपोर्ट दी, जिसमे दावा किया गया कि चीन ने प्लान बनाकर गलवान घाटी में हिंसक झड़प को अंजाम दिया।

गलवान घाटी पर भारत-चीन के सैनिकों की हिंसक झड़प एक साजिश

दरअसल, अमेरिका लगातार चीन पर पड़ोसी देशों के खिलाफ आक्रमक अभियान चलाने का आरोप लगा रहा है। भारत के साथ चीन के विवाद पर भी अमेरिका ने शुरू से अपना पक्ष स्पष्ट रखा, वहीं अब एक वरिष्ठ अमेरिकी आयोग ने यूएस की संसद में चीन पर एक रिपोर्ट दी, जिसमे कहा गया कि चीन जानबूझ कर अपने पड़ोसी देशों को उकसा रहा है और आक्रामक अभियानों को तेज कर रहा है।

अमेरिकी संसद में रिपोर्ट पेश, चीन पर लगा आरोप

रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस साल जून में लद्दाख की गलवां घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुआ हिंसक संघर्ष चीन सरकार की सुनियोजित साजिश थी। दावा किया गया कि भारत- चीन सीमा पर घातक संघर्ष को बीजिंग ने उकसाया।

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अमेरिका का आरोप है कि चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने शान्ति की स्थिति में भी अपनी सेना का उपयोग अशांति और जंग को उकसाने के लिए किया। भारत ही नहीं चीन ने ताइवान को भी धमकाने की कोशिश की। साऊथ चाइना सी के पास सैन्य अभ्यास कर अन्य देशों को ललकारा।

पंद्रह जून को हुईं थी हिंसक झड़प:

बता दें कि पंद्रह जून 2020 की रात को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला कर दिया था। हालंकि उनका ये हमला चीन को ही भारी पड़ गया। भारतीय सैनिकों ने मुँह तोड़ जवाब देते हुए चीनी सैनिकों को सबक सिखाया। इस खूनी संघर्ष में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे तो वहीं दावा किया गया कि 35 से ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत हो गयी थी। 1975 के बाद दोनों देशों के बीच हुए किसी संघर्ष में पहली बार सैनिक मारे गए। रिपोर्ट में कहा गया है, 'कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि चीन की सरकार ने घटना की योजना बनाई थी, इसमें सैनिकों के शहीद होने की संभावना भी शामिल थी।'

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