Silkyara Tunnel Rescue: आखिर में काम आए रैट माइनर्स

Silkyara Tunnel Rescue: सुरंग में फंसे मजदूर जब बाहर निकले तो रैट होल माइनर्स के चेहरों पर केवल मुस्कुराहट थी और सुरंग खोदने की सारी थकान उनकी खुशी पर हावी हो गई थी।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-11-29 12:45 IST

Uttarkashi Tunnel Rescue  (photo: social media )

Silkyara Tunnel Rescue: सिलक्यारा सुरंग में बचाव कार्य की 400 घंटे की जद्दोजहद आंसुओं, खुशी और मुस्कुराहट के साथ खत्म हुई है। सुरंग से निकाले गए श्रमिकों का सबसे पहले स्वागत किया रैट होल माइनर्स ने जो सुरंग में मलबे के बीच अपने हाथों से ड्रिलिंग करके उनके पास पहुंचे थे।

राहत की सांस

सुरंग में फंसे मजदूर जब बाहर निकले तो रैट होल माइनर्स के चेहरों पर केवल मुस्कुराहट थी और सुरंग खोदने की सारी थकान उनकी खुशी पर हावी हो गई थी।

एक ऐसे ही खनिक ने टीवी चैनल पर कहा, "मजदूर हमें देखकर बहुत खुश हुए। उन्होंने हमें गले लगाया और बादाम दिए।" एक अन्य खनिक ने कहा, "हमने 15 मीटर काटे। जब हम वहां पहुंचे और उनकी एक झलक देखी तो हम बहुत खुश हुए।"


प्रतिबंधित तरीका ही काम आया

ये भी अजीब बात है कि बचाव अभियान में अंततः वही तरीका काम आया जो प्रतिबंधित है। चूहे की तरह जमीन में छेद करने वाली प्रथा यानी रैट होल माइनिंग अवैध और प्रतिबंधित घोषित है। लेकिन तमाम मशीनों और टेक्नोलॉजी फेल हो जाने पर इन्ही चूहों वालों पर भरोसा करना पड़ा।


इम्पोर्टेड मशीन जवाब दे गई

बचाव ऑपरेशन के अंतिम चरण में एक आयातित, उच्च तकनीक वाली ड्रिलिंग मशीन के काम करना बंद कर देने के बाद रैट होल माइनिंग की प्रतिबंधित प्रथा को अपनाया गया। इसके लिए खास तौर पर उन खनिकों को लाया गया जो इस काम के एक्सपर्ट माने जाते हैं। मौके पर पहुँचने के बाद रैट होल खनिकों ने फंसे हुए श्रमिकों की ओर जाने के लिए मैन्युअल रूप से ड्रिलिंग शुरू कर दी।

रैट होल खनिकों के अनुसार, यह हमारे लिए जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर था।हमने उन्हें बाहर निकालने के लिए 24 घंटे बिना रुके काम किया।


टैलेंट का इस्तेमाल

जब राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) से रैट-होल खनन की अवैध तकनीक का सहारा लेने के संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, "रैट-होल खनन अवैध हो सकता है लेकिन एक रैट-होल खननकर्ता की प्रतिभा और अनुभव का उपयोग किया जा रहा है। यह एक विशेष स्थिति है जहां हमें जिंदगियां बचानी हैं। वे तकनीशियन हैं और हम श्रमिकों को बचाने के लिए उनके कौशल और उनकी क्षमताओं का उपयोग कर रहे हैं।

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