वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए 1500 करोड़ का टेंडर, रेस में ये चीनी कंपनी

चीन कितना धूर्त और धोखेबाज देश है। इसका ताजा उदाहरण भारत में देखने को मिला है। एक तरफ गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर जानलेवा हमला करने वाला चीन सीमा विवाद को लेकर भारत से लड़ने-भिड़ने को तैयार है। वहीं दूसरी ओर भारत में चीन कम्पनियां अपने आर्थिक साम्राज्य को विस्तार देने में लगी है।

Update:2020-07-11 10:15 IST

नई दिल्ली: चीन कितना धूर्त और धोखेबाज देश है। इसका ताजा उदाहरण भारत में देखने को मिला है।

एक तरफ गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर जानलेवा हमला करने वाला चीन सीमा विवाद को लेकर भारत से लड़ने-भिड़ने को तैयार है।

वहीं दूसरी ओर भारत में चीन कम्पनियां अपने आर्थिक साम्राज्य को विस्तार देने में लगी है।

खबर है कि चीनी कंपनियां भारत के बड़े-बड़े टेंडरों में शामिल हो रही हैं और अरबों का ठेका हासिल करना चाहती हैं।

ताजा मामला भारत की सेमी हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस से जुड़ा हुआ है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसके लिए मांगे गए ग्लोबल टेंडर में चीन की एक सरकारी कंपनी भी शामिल है।

इस चीनी कंपनी का गुरुग्राम की इस फर्म के साथ ज्वॉइंट वेंचर है।

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यहां बताते चलें कि डियन रेलवे को सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए प्रोपल्सन सिस्टम की जरूरत है।

44 प्रोपल्सन सिस्टम के लिए भारतीय रेलवे ने ग्लोबल टेंडर मांगे हैं।

इस टेंडर के लिए जिन कम्पनियों ने आवेदन किये है, उनमें से एक चीन की सरकारी कंपनी CRRC पॉयनियर इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भी है।

कंपनी की वेबसाइट को खंगालने पर जो जानकारी सामने आई है।

उसके मुताबिक CRRC पॉयनियर इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का गुरुग्राम की एक कंपनी के साथ समझौता है और ये दोनों कंपनियां भारत में साथ –साथ काम करती हैं।

टेंडर के लिए चीनी कंपनी CRRC ने ये कदम ऐसे वक्त में उठाया है, जब लद्दाख में चीन के साथ भारत का टकराव हुआ है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद बना हुआ है।

हालाँकि गलवान घाटी से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की भी खबरें आई हैं।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कही ये बात

यहां ये भी बता दें कि शुक्रवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए प्रोपल्सन सिस्टम खरीदने के लिए आमंत्रित की गई निविदा में CRRC पॉयनियर इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भी है। जो कि एक चीनी कम्पनी है।

CRRC पॉयनियर इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का गुरुग्राम की एक कंपनी के साथ समझौता है और ये दोनों कंपनियां भारत में साथ –साथ काम करती हैं।

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ये कम्पनियां हैं निविदा में शामिल

अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार इस निविदा के लिए चीनी कम्पनी के अलावा कई भारतीय कम्पनियां भी शामिल हैं।

जिनमें दिल्ली की भेल, संगरुर की भारत इंडस्ट्रीज, नवी मुंबई की पावरनेटिक्स इंक्विपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद की मेधा ग्रुप और परवानू की इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रानिक प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।

मेक इन इंडिया अभियान के तहत इन ट्रेनों के लिए ये तीसरा टेंडर है।

अधिकारियों का कहना है कि इस टेंडर की राशि तकरीबन 1500 करोड़ रुपये होगी।

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