पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी कर फंस गए शशि थरुर, कोर्ट में दर्ज हुआ परिवाद
वाराणसी : कांग्रेस नेता शशि थरूर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई उनकी विवादित टिप्पणी के बाद एक ओर जहां बीजेपी हमलावर है तो दूसरी ओर अदालत में भी उन्हें लाने की तैयारी हो रही है। शशि थरूर के खिलाफ वाराणसी कोर्ट में एक परिवाद दाखिल किया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने वाद दाखिल करते हुए कोर्ट से शशि थरुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
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अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी की शिकायत पर एसीजेएम 9 की अदालत ने परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने शशि थरुर के खिलाफ धारा धारा 295 A और धारा 298 के तहत परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके तहत एक साल से लेकर तीन साल तक की सजा हो सकती है। मामले की अगली सुनवाई अब 6 नवंबर को होगी। कमलेश चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक शशि थरुर का बयान हिंदुओँ की आस्था को ठेस पहुंचाने वाला था। उन्होंने अपने राजनीति हित को साधने के लिए भगवान शिव का इस्तेमाल किया।
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क्या कहा था शशि थरुर ने ?
अपने लेखन व किताबों को लेकर बेंगलुरु लिट फेस्ट में हिस्सा लेने गए शशि थरूर ने कहा था कि 'एक असाधारण रूपक है जिसका जिक्र आरएसएस के अनाम सूत्र ने एक जर्नलिस्ट से किया था। मैंने उसका संदर्भ अपनी किताब में दिया है।' थरूर ने कहा, 'उसने कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे उस बिच्छू की तरह हैं, जिसे आप हाथ से हटा नहीं सकते और चप्पल से मार भी नहीं सकते।' उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारे में जमकर हंगामा मचा था। बीजेपी के गिरिराज सिंह और रघुवंश प्रसाद ने थरुर के बयान की निंदा की थी।
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