Buddhadeb Bhattacharjee Passed Away: इस राज्य के पूर्व CM का 80 साल में निधन, बेटी ने की मौत की पुष्टि

Buddhadeb Bhattacharjee Passed Away: बुद्धदेव भट्टाचार्य को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का मजबूत नेता माना जाता रहा है। पश्चिम बंगाल में पार्टी को मजबूत बनाने में उनकी प्रमुख भूमिका रही।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-08-08 06:08 GMT

Buddhadeb Bhattacharjee Passed Away (Photo: Social Media)

Buddhadeb Bhattacharjee Passed Away: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का आज सुबह कोलकाता स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। 80 वर्षीय भट्टाचार्य सांस लेने में तकलीफ और वृद्धावस्था से जुड़ी अन्य बीमारियों से जूझ रहे थे। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन की जानकारी दी।

बुद्धदेव भट्टाचार्य को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का मजबूत नेता माना जाता रहा है। पश्चिम बंगाल में पार्टी को मजबूत बनाने में उनकी प्रमुख भूमिका रही। उन्होंने वर्ष 2000 से वर्ष 2011 तक मुख्यमंत्री के रूप में पश्चिम बंगाल की कमान संभाली। भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी और कई अन्य प्रमुख लोगों ने भट्टाचार्य के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

कोलकाता में अपने आवास पर हुआ निधन

तबीयत खराब होने के बाद बुद्धदेव भट्टाचार्य को गत 29 जुलाई को कोलकाता के अलीपुर स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था और इस दौरान उन्हें वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ा था।

अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी हालत में सुधार हुआ और बाद में उन्हें 9 अगस्त को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था।

इसके बाद वे कोलकाता में बल्लीगंज स्थित अपने आवास पर आराम कर रहे थे जहां आज सुबह 8.20 बजे उनका निधन हो गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी मीरा और बेटी सुचेतना हैं।


11 वर्षों तक संभाली पश्चिम बंगाल की कमान

बुद्धदेव भट्टाचार्य की गिनती पश्चिम बंगाल के दिग्गज राजनीतिज्ञों में की जाती रही है। 1 मार्च 1944 को जन्मे बुद्धदेव भट्टाचार्य का राजनीतिक करियर पांच दशकों से अधिक लंबा रहा। पश्चिम बंगाल में माकपा नेता के रूप में उन्होंने वाम मोर्चे को मजबूत बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। राजनीति में आने से पहले बुद्धदेव ने अध्यापक के रूप में काम किया था। वर्ष 2000 में उन्होंने पश्चिम बंगाल के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनसे पहले ज्योति बसु ने लगातार 23 वर्षों तक मुख्यमंत्री के रूप में पश्चिम बंगाल की कमान संभाली थी।

मुख्यमंत्री बनने के बाद बुद्धदेव भट्टाचार्य मई 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने रहे। हालांकि उनके 11 वर्षों के कार्यकाल के बाद ममता बनर्जी की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में मजबूत हो गई। इसके बाद ममता की अगुवाई में टीएमसी लगातार विधानसभा चुनाव जीतती रही है।


उदारवादी नीतियों के लिए जाने जाते हैं बुद्धदेव

बुद्धदेव भट्टाचार्य को उदारवादी नीतियां अपनाने के लिए जाना जाता रहा है। आमतौर पर वामपंथी दलों की नीतियां आर्थिक उदारीकरण के खिलाफ रही हैं मगर मुख्यमंत्री के रूप में बुद्धदेव भट्टाचार्य ने औद्योगिकीकरण के प्रयास किए थे। उनके कार्यकाल के दौरान सिंगूर में भूमि अधिग्रहण को लेकर बड़ा विवाद भी पैदा हुआ था।

इसे लेकर सियासी माहौल भी गरमा गया था जिसका खामियाजा वामपंथी सरकार को भुगतना पड़ा। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में लगभग 34 वर्षों बाद वामपंथी राज का अंत हो गया था। मौजूदा समय में पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों की स्थिति सियासी रूप से काफी कमजोर पड़ गई है। कांग्रेस के साथ गठबंधन के बावजूद वामपंथी दल अपनी ताकत दिखाने में कामयाब नहीं हो सके हैं। 



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