Suchetana Bhattacharya: बंगाल के पूर्व सीएम की पुत्री सुचेतना अब बनेगी सुचेतन
Suchetana Bhattacharya: एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ता सुप्रवा रॉय के मुताबिक, संगोष्ठी में सुचेतन एक ट्रांसमैन के रूप में सामने आए और कहा कि सर्जरी के बाद उन्हें 'सुचेतन' के नाम से जाना जाएगा।
Suchetana Bhattacharya: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की 41 वर्षीय संतान सुचेतना भट्टाचार्य जल्द ही सेक्स चेंज सर्जरी से गुजरेगी। वह सर्जरी के जरिये एक पुरुष बन जाएगी।
ट्रांसमैन है सुचेतना
यह मामला सबसे पहले सोशल मीडिया पर एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ता सुप्रवा रॉय की एक पोस्ट में सामने आया था। सुप्रवा ने एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों की आजीविका पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सुचेतना भट्टाचार्य की तस्वीर अपलोड की थी। सुप्रवा रॉय के मुताबिक, संगोष्ठी में सुचेतन एक ट्रांसमैन के रूप में सामने आए और कहा कि सर्जरी के बाद उन्हें 'सुचेतन' के नाम से जाना जाएगा।
ये मेरा अपना निर्णय
बाद में सुचेतना ने इस खबर की पुष्टि की और कहा कि 41 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद एक एडल्ट के रूप में यह उनका अपना निर्णय है। उन्होंने लोगों से यह भी अपील की कि वे उनके परिवार की पहचान को उनकी व्यक्तिगत पहचान के साथ न मिलाएं। सुचेतना ने सर्जरी के पहले आवश्यक कानूनी कदम उठाने की भी पुष्टि की। सुचेतना ने कहा कि उनके बचपन से ही उनके पिता को इसकी जानकारी थी। उन्होंने कहा - यह मेरा निर्णय है। यह मेरा अपना संघर्ष है। मैं इससे अकेले लड़ना चाहती हूं। कभी नहीं से देर हो जाना अच्छा है। यह रुझान मुझे बचपन से रहा है। कई लोगों ने इसका समर्थन किया तो कई लोगों ने हंगामा भी किया। मानसिक रूप से, मैं एक ट्रांस-पुरुष हूं, और शारीरिक रूप से, मैं वैसा ही बनना चाहती हूं।
साहसिक कदम
सुचेतना द्वारा उठाये गए कदम की काफी प्रशंसा की जा रही है खासकर एलजीबीटी समुदाय के लिए काम करने वाले लोगों द्वारा। पश्चिम बंगाल की अभिनेत्री और जन अधिकार कार्यकर्ता उषाशी चक्रवर्ती ने कहा है कि सुचेतना जैसी किसी व्यक्ति के लिए, जिनके पिता राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, इतने साहस के साथ सामने आना और इस तरह के फैसले की घोषणा करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा - मुझे लगता है कि सुचेतना द्वारा उठाया गया साहसिक कदम कई अन्य लोगों को सामन आने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। कई लोग खुलकर बोलने से डरते हैं। जितने अधिक लोग आगे आएंगे, इस मुद्दे पर सामाजिक आंदोलन उतना ही मजबूत होगा। सुचेतना जैसे व्यक्तियों द्वारा उठाए गए कदमों का निश्चित रूप से समाज पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।"
कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील और कोलकाता में एलजीबीटीक्यू आंदोलन के एक प्रमुख चेहरे कौशिक गुप्ता ने कहा है कि अपनी पसंद की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता स्थापित करना जरूरी है। पहले भी लिंग पुष्टिकरण सर्जरी कराने वाले लोगों के मामले सामने आए हैं। दूसरों को सामने आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उनकी पहल सराहनीय है। इसका समाज पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।