Uppcl strike news: जालौन में विद्युत संविदाकर्मियों की हड़ताल, ‘फाल्ट कंप्लेंट’ व्यवस्था प्रभावित

Uppcl strike news: विद्युत संविदाकर्मी के हड़ताल पर चले जाने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत सप्लाई की समस्या खड़ी हो रही है।

Update:2023-03-17 21:54 IST
Electrical contract workers strike in Jalaun

Uppcl strike news: पिछले दो दिनों से कार्य बहिष्कार कर रहे विद्युत संविदाकर्मी अब हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए हल्लाबोल किया। साथ ही विद्युत संविदाकर्मियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। जिससे विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पर गहरा असर पड़ने लगेगा। जालौन के जिला मुख्यालय उरई में जिले भर के विद्युत संविदाकर्मी अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर बैठे रहे। हड़ताल पर बैठे कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उनकी मांगें पूरी नहीं की जा रहीं हैं। इसलिए वह हड़ताल कर रहे हैं। कई जिलों में उनके कर्मचारियों की गिरफ्तारी की गई है। साथ ही उन्हें परेशान भी किया जा रहा है। लेकिन इससे विद्युत संविदाकर्मी पीछे नहीं हटेंगे। ना ही सरकार के आगे घुटने टेकेंगे।

विद्युत आपूर्ति पर पड़ा असर

विद्युत संविदाकर्मी के हड़ताल पर चले जाने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत सप्लाई की समस्या खड़ी हो रही है। जगह-जगह फाल्ट होने से तकनीकी खराबी वाली जगहों पर विद्युत सप्लाई ठप पड़ी हुई है। जिन्हें दुरुस्त कराने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से कमर कसे हुए है। वहीं कर्मचारी किसी भी सूरत में काम पर नहीं लौटने की जिद पर अड़े हैं। 72 घंटे से ज्यादा बीतने को हैं, लेकिन सरकार और संविदाकर्मियों के बीच कोई भी बातचीत से हल नहीं निकल रहा है। सरकार विद्युत कर्मचारियों की मांगे ना मानने की जिद पर अड़ी है, तो विद्युत कर्मचारी भी अपनी मांगे मनवाने के लिए अड़े हुए हैं।

जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला हेड क्वार्टर पर कंट्रोल रूम बनाकर टोल फ्री नंबर जारी कर दिए गए हैं, जिस पर उपभोक्ता अपनी समस्या को लिखवा सकता हैं। जिले में आंदोलन के संयोजक गौरव शर्मा ने कहा कि हमारी हड़ताल अभी से 72 घंटे के लिए है। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, हम उसपर आगे की रणनीति बनाएंगे। हमारे सभी संगठनों ने विद्युत उपकेंद्र को जिला प्रशासन के हवाले कर दिया है। वह अपने हिसाब से विद्युत व्यवस्था बहाल करें।

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