Jharkhand: सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ीं, चुनाव आयोग ने किया तलब, भाई को भी पेशी का निर्देश

Jharkhand Latest News : चुनाव आयोग ने खदान लीज मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) को तलब किया है साथ ही उनके भाई को भी पेशी का निर्देश दिया है।

Report :  Anshuman Tiwari
Newstrack :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-05-21 04:54 GMT

Chief Minister Hemant Soren (Image Credit : Social Media)

Jharkhand News: झारखंड के खदान लीज मामले (Mine Lease Case) में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। चुनाव आयोग (Election Commision) की ओर से जारी की गई नोटिस के जवाब में सोरेन ने शुक्रवार को अपना जवाब दाखिल कर दिया। इसके बाद चुनाव आयोग की ओर से सोरेन को 31 मई को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर सफाई पेश करने का निर्देश दिया गया है। खदान लीज मामले में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के साथ उनके विधायक भाई बसंत सोरेन भी फंसे हुए हैं और उन्हें चुनाव आयोग की ओर से 30 मई को तलब किया गया है।

चुनाव आयोग की तरफ से पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव एक्ट के तहत सोरेन को नोटिस जारी की गई थी जिसका जवाब उन्होंने शुक्रवार को दाखिल किया है। भाजपा की ओर से सोरेन पर अपने नाम पर खनन का पट्टा लेने का बड़ा आरोप लगाया गया है। चुनाव आयोग की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद सोरन की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही है। माना जा रहा है कि उन्हें आयोग के कई सवालों का जवाब देना होगा।

आयोग ने दिया व्यक्तिगत पेशी का निर्देश 

भाजपा की ओर से खदान लीज मामले में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद झारखंड का सियासी तापमान काफी चढ़ा हुआ है। अब यह पूरा मामला चुनाव आयोग के पास पहुंच गया है और आयोग की तरफ से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी की गई थी। नोटिस के जवाब में हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को आयोग के पास अपना जवाब दाखिल किया है। आयोग की ओर से जारी की गई नोटिस में सोरेन से 10 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था मगर सोरेन ने अपनी मां के बीमार होने का हवाला देते हुए एक महीने में जवाब दाखिल करने की मोहलत मांगी थी।

बाद में चुनाव आयोग ने 10 दिन का अतिरिक्त समय देते हुए सोरेन को 20 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। डेडलाइन के आखिरी दिन सोरेन ने आयोग के पास अपना जवाब दाखिल किया है। जवाब दाखिल करने के बाद भी उनकी मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही हैं क्योंकि आयोग ने इस मामले में सफाई पेश करने के लिए सोरेन को 31 मई को व्यक्तिगत रूप से तलब कर लिया है। इससे पहले 30 मई को सोरेन के भाई बसंत सोरेन को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर आयोग के सामने सफाई देनी पड़ेगी।

भाजपा की शिकायत पर फंसे सोरेन 

भाजपा की ओर से खनन पट्टों के आवंटन को लेकर मुख्यमंत्री सोरेन की तगड़ी घेराबंदी की गई है। भाजपा ने इस मामले में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात करके हेमंत सोरेन के खिलाफ ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में हेमंत सोरेन पर अपने नाम से खनन का पट्टा लेने का आरोप लगाया गया था। भाजपा ने इसे पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव एक्ट का खुला उल्लंघन बताया था। बाद में राज्यपाल ने भाजपा के इस शिकायत को चुनाव आयोग के पास भेज दिया था और इस मामले पर आयोग की राय मांगी थी। 

अब इसी मामले को लेकर सोरेन पर चुनाव आयोग का फंदा लगातार कसता जा रहा है। हालांकि आयोग में दाखिल किए गए जवाब में हेमंत सोरेन ने खदान लीज मामले को पूरी तरह मनगढ़ंत और बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि राजनीतिक दुश्मनी साधने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने इस मामले में खुद को पूरी तरह निर्दोष बताया है।

प्रकरण को बताया राजनीति से प्रेरित

सोरेन ने विशेष प्रतिनिधि के जरिए चुनाव आयोग के पास अपना जवाब भेजा है। आयोग को भेजे गए जवाब में सोरेन ने यह भी कहा है कि फिलहाल उनके पास कोई भी माइनिंग लीज नहीं है। अपने जवाब में सोरेन ने 2008 में 10 साल के लिए माइनिंग लीज लेने का जिक्र किया है मगर इसके साथ ही यह भी कहा है कि लीज के नवीनीकरण के लिए उन्होंने 2018 में आवेदन किया था जिसे नामंजूर कर दिया गया था। 

उनका कहना है कि 2021 में उन्होंने माइनिंग लीज के लिए नया आवेदन दिया था और नियमों के तहत उन्हें माइनिंग लीज की अनुमति दी गई थी। फरवरी के बाद उनके नाम पर कोई भी माइनिंग लीज नहीं है। 

उन्होंने पूरे प्रकरण को राजनीति प्रेरित बताया है। अब 31 मई को व्यक्तिगत पेशी के दौरान आयोग की तरफ से सोरेन से कई सवालों के जवाब मांगे जा सकते हैं। अगर आयोग सोरेन के जवाबों से संतुष्ट नहीं हुआ तो आयोग की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। 

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