Cyclone Yaas: रांची में उद्घाटन से पहले ध्वस्त हुआ पुल, प्रशासन पर उठे सवाल
Bridge Collapsed: चक्रवात यास के चलते कांची नदी पर 10 करोड़ की लागत से बना पुल ध्वस्त हो गया।
Cyclone Yaas: चक्रवात यास की दस्तक के बाद बंगाल और ओडिशा में भारी तबाही हुई। इस चक्रवात का असर झारखंड में भी काफी ज्यादा देखने को मिला। यहां पर राजधानी रांची में उद्घाटन से पहले ही करोड़ों का पुल ध्वस्त हो गया है। चक्रवाती तूफान यास की वजह से रांची जिला के बुंडू स्थित कांची नदी (Kanchi River) पर पुल बहाव को बर्दाश्त नहीं कर पाया और ध्वस्त हो गया। हालांकि लोग इसके पीछे पानी के तेज बहाव के साथ ही अवैध तरीके से चल रहे बालू के उत्खनन (Sand Quarrying) को मुख्य कारण बता रहे हैं।
रांची जिला के बुंडू थाना क्षेत्र के कांची नदी पर बना पुल करीब 10 करोड़ की लागत से बनाया गया था। साल 2014 में पुल का शिलान्यास रखा गया था और 2019 में इसे लोगों के लिए खोल दिया गया। हालांकि पुल का विधिवत उद्घाटन अबतक नहीं हो पाया है। महज 2 साल के अंदर ही करोड़ों का पुल ध्वस्त हो जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
बालू का उत्खनन मुख्य कारण
कांची नदी पर बना करोड़ों का पुल सिर्फ तेज पानी के बहाव के कारण नहीं ध्वस्त हुआ है। स्थानीय लोगों के साथ ही तमाड़ के झामुमो विधायक विकास सिंह मुंडा (Vikas Singh Munda) बालू के अवैध उत्खनन को इसके लिए मुख्य कारण बताते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो बालू माफिया गैरकानूनी तरीके से लगातार बालू का खनन कर रहे हैं। इससे पुल का पाया कमजोर हो गया है। इस बीच चक्रवाती तूफान की वजह से भारी बारिश हुई और नदी के तेज बहाव का झटका पुल नहीं सह पाया।
पूरे मामले की होगी जांच
झारखंड की सत्ताधारी पार्टी के तमाड़ विधायक विकास सिंह मुंडा (Vikas Singh Munda) ने कहा है कि, कांची नदी पर बना पुल कई गांव को जोड़ता है। महज 2 साल के अंदर ही पुल का ध्वस्त हो जाना इसके निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। लिहाजा वे सरकार से इस पूरे मामले की जांच की मांग करेंगे। उन्होंने Contractor को सवालों के दायरे में खड़े करते हुए कहा कि सरकार दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेगी।
सीएम हेमंत ने दिए जांच के आदेश
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस मामले में मैंने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे दिया हैं। मेरे सेवाकाल में भ्रष्टाचार और जनता के पैसों की लूट किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बालू का राजनीति से संबंध
झारखंड की राजनीति में बालू खनन का राजनीतिक महत्व भी है। यही वजह है कि, सत्ता पक्ष के साथ ही प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा कांची नदी पर बने पुल के ध्वस्त होने का मामला जोर-शोर से उठा रही है। दरअसल झारखंड के विभिन्न नदियों से निकाले जाने वाले बालू के टेंडर और उसमें शामिल कंपनियों के क्रियाकलाप सवालों के घेरे में रहे हैं।
देखें वीडियो-
आपको बता दें कि तूफान यास (Yaas) ने भारत के कई राज्यों को नुकसान पहुंचाया है। बंगाल ओडिशा में तो यास का काफी ज्यादा असर देखने को मिला। दोनों ही राज्यों में तूफान की दस्तक के साथ भारी बारिश शुरू हो गए, जिससे कई पेड़ उखड़ गए और कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है।
बंगाल और ओडिशा के दौरे पर पीएम मोदी
वहीं, इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को चक्रवाती तूफान यास के प्रभाव की समीक्षा करने के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। पीएम यहां पर चक्रवाती तूफान यास से हुए नुकसान का जायजा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर पहुंचकर चक्रवात यास के प्रभाव पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ बैठक की। इसके बाद पीएम बालासोर, भद्रक और पुरबा मेदिनीपुर के प्रभावित इलाकों में हवाई सर्वे के लिए जाएंगे।
पीएम बंगाल में भी समीक्षा बैठक करेंगे। इस बीच खबर है कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी भी शामिल होंगे। जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर शुवेंदु अधिकारी प्रधानमंत्री के साथ होने वाली आधिकारिक मीटिंग का हिस्सा होंगे तो वह खुद इस बैठक में नहीं जाएंगी।
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