Jharkhand: झारखंड में ईडी की छापेमारी पहुंची सीएम हाउस तक, मुख्यमंत्री का पासबुक-चेकबुक जब्त

Jharkhand: कुछ समय के लिए ही सही लेकिन अपनी कुर्सी के ऊपर मंडराते सियासी खतरे को टालने वाले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं।

Update: 2022-10-03 10:20 GMT

झारखंड में ईडी की छापेमारी पहुंची सीएम हाउस तक, मुख्यमंत्री का पासबुक-चेकबुक जब्त: Photo- Social Media

Ranchi News: कुछ समय के लिए ही सही लेकिन अपनी कुर्सी के ऊपर मंडराते सियासी खतरे को टालने वाले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) यानी ईडी एकबार फिर एक्टिव हो गई है। जांच एजेंसी ने अबकी बार सीधे हेमंत सोरेन के ऑफिशियल पते पर छापेमारी की है। मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी ने मुख्यमंत्री आवास पर छापेमारी (Raid on Chief Minister's residence) कर सीएम सोरेन का पासबुक-चेकबुक जब्त कर लिया है।

इस दौरान जांच एजेंसी ने मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाने वाले जेएमएम नेता पंकज मिश्रा के आवास को भी खंगाला है। मिश्रा पहले से ही सलाखों के पीछे हैं। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है। पंकज मिश्रा को 10 जुलाई को पीएमएलए कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं। झारखंड की राजनीति को समझने वाले लोग जानते हैं कि मिश्रा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए क्या मायने रखते थे।

ईडी ने इस मामले में पंकज मिश्रा के दो सहयोगियों बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश को भी आरोपी बनाया है। दोनों को चार और पांच अगस्त को अरेस्ट किया गया था, तब से दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। 24 अगस्त को ईडी ने प्रेम प्रकाश के रांची स्थित आवास पर छापेमारी की थी, तब उनके घर के आलमीरा से दो एके – 47 रायफल बरामद हुई थी। तब इस पर उन्होंने सफाई पेश करते हुए बताया था कि ये उनके सुरक्षा गार्ड का है।

राज्यपाल के फैसले का इंतजार

झारखंड में कुछ दिनों तक चले रिसॉर्ट पॉलिटिक्स के बाद आखिरकार 5 सितंबर को हेमंत सोरेन सरकार ने विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव जीतकर कुछ समय के लिए संकट के बादल को टाल दिया था। हालांकि, उन्हें आरोपों से राहत नहीं मिली है। सीएम सोरेन खुद को खनन का पट्टा देने के लिए लाभ के पद के आरोप का सामना कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने अगस्त में राज्यपाल रमेश बैस को अयोग्य घोषित करने के लिए एक याचिका पर अपनी राय भेजी थी। जिसपर राज्यपाल ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

हालांकि, चुनाव आयोग ने सोरेन मामले में क्या सिफारिश की है, यह बात औपचारिक रूप से अभी सामने नहीं आई है। लेकिन माना जा रहा है कि आयोग ने मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत को सही पाया है और उन्हें अयोग्य करार दिए जाने की सिफारिश की है। इन्हीं अटकलों को लेकर पिछले दिनों झारखंड में राजनीतिक उठापटक तेज हो गई थी। 

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