Fodder Scam: चारा घोटाले के पांचवें केस में लालू को पांच साल की सजा, 60 लाख रुपये जुर्माना
Fodder Scam Case: बहुचर्चित चारा घोटाला से जुड़े एक मामले को लेकर आज रांची की विशेष सीबीआई अदालत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव यादव सहित अन्य दोषियों की सजा का एलान करने जा रही है।
Fodder Scam Case: बहुचर्चित चारा घोटाला से जुड़े एक मामले को लेकर आज रांची की विशेष सीबीआई अदालत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव यादव सहित अन्य दोषियों की सजा का एलान करने जा रही है। इस मामले में लालू के साथ 75 आरोपियों को दोषी पाया गया है, जबकि 24 को रिहा कर दिया गया है। इनमें से 36 को तीन-तीन साल की सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि 38 दोषियों को आज सजा सुनाई जाएगी। 5वें चारा घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट रांची ने लालू प्रसाद यादव को 5 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा 60 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है।
950 करोड़ चारा घोटाले के 139.35 करोड़ के डोरंडा कोषागार मामले में लालू यादव को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव ने अस्पताल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में सजा को सुना। लालू प्रसाद यादव को सजा का एलान होते ही सोशल मीडिया पर माहौल गरमा गया है और लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। लालू प्रसाद यादव के वकील ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
चारा घोटाला (Chara Ghotala) मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को रांची की सीबीआई कोर्ट (CBI Court) ने 15 फरवरी को दोषी करार दिया था। बता दें, यह मामला डोरंडा ट्रेजरी (Doranda Treasury) से 139 करोड़ रुपए निकासी से जुड़ा है। इस मामले में कोर्ट ने 24 लोगों को बरी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला वर्ष 1990 से 1995 के बीच का है। लालू यादव के वकील ने उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्हें रिम्स में रखने का आवेदन दिया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद लालू प्रसाद यादव को रिम्स के 'पेइंग वार्ड' में ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
गौरतलब है, कि अब तक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पांच में से चार मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है। चारा घोटाला कुल 950 करोड़ रुपए का था। यह मामला साल 1996 में उजागर हुआ था। उस वक्त कुछ सरकारी अधिकारियों ने फर्जी खर्च की रिपोर्ट जमा की थी। प्रारंभिक जांच के बाद यह मामला खुलता ही गया।
डोरंडा कोषागार से करोड़ों रुपए की निकासी हुआ था। बिना वेरिफिकेशन के फर्जी खर्च की रिपोर्ट अधिकारियों ने दिखाई थी। तब उस वक्त चारा घोटाला सामने आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को बिहार के सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को तब मुख्यमंत्री बनाया था। 1970-80 के दशक में बिहार के मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्रा पर भी चारा घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा था।