Jharkhand News: सीएम हेमंत सोरेन की चेतावनी देश में ला सकती है भीषण कोयला संकट, जानें क्या है मामला

Jharkhand News: सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार और कोयला कंपनियों पर हमला बोला है।

Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-03-26 15:27 IST

सीएम हेमंत सोरेन (Social media)

Jharkhand News: देश के कई हिस्सों में इन दिनों मार्च में ही भीषण गर्मी ने दस्तक दे दी है। अधिकतर हिस्सों में मौसम विभाग द्वारा अभी से लू चलने की भविष्यवाणी की जा चुकी है। ये हाल तब है जब गर्मी के मौसम की शुरूआत अभी ठीक से हुई भी नहीं है। भीषण गर्मी के कारण अचानक बिजली की खपत में जोरदार इजाफा हुआ है। ऐसे में कोयले को लेकर नया बखेड़ा शुरू हो गया है। देश का प्रमुख कोयला उत्पादक राज्य झारखंड ने केंद्र सरकार को कोयला कंपनियों द्वारा बकाया रकम अदा नहीं करने पर सप्लाई ठप कर देने की चेतावनी दी है। 

झारखंड सीएम की चेतावनी 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार औऱ कोयला कंपनियों पर जोरदार हमला बोला है। मुख्यमंत्री सोरेन ने सदन को जानकारी देते हुए कहा कि कोयला कंपनियों पर राज्य सरकार का 1.36 लाख करोड़ रूपये का बकाया है। सरकार इसकी वापसी के लिए पहल कर रही है। अगर कोयला कंपनियां झारखंड सरकार को बकाया रकम का भुगतान नहीं करेगी तो कोयला ढुलाई पर ताला लग जाएगा। 

'कोयला कंपनियों से हरहाल में बकाया वसूला जाएगा'

झारखंड सीएम ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के बहाने केंद्र सरकार ने आरबीआई के राज्य कंसोलिडेटेड फंड से तीन हजार करोड़ रूपये काटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कोल कंपनियों के पास राज्य का 1.36 लाख करोड़ रूपये का बकाया है। इसका राज्य को जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। ऐसा नहीं होने पर हम राज्य से बाहर कोयला नहीं जाने देंगे, ताला लगा देंगे। कोयला कंपनियों से हरहाल में बकाया वसूला जाएगा। 

बता दें कि देश का 80 प्रतिशत कोयला उत्पादन चार राज्यों में होता है। जिसमें झारखंड भी शामिल है। झारखंड देश में कोकिंग कोल का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अलावा ओवरऑल कोयला उत्पादन में क्रमशः छत्तीसगठ, ओडिसा और मध्य प्रदेश के बाद झारखंड चौथे स्थान पर है। देश में अभी भी बिजली का सबसे अधिक उत्पादन कोयले से ही होता है। ऐसे में झारखंड सरकार औऱ केंद्र के बीच संकट गहराता है तो आने वाले समय में भीषण गर्मी के बीच कोयला संकट के कारण बिजली आर्पूर्ति पर नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। 

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