Jharkhand Politics: झारखंड में हो सकता है बड़ा सियासी खेल, झामुमो और भाजपा दोनों दलों ने किया बगावत का दावा

Jharkhand Politics: झामुमो और भाजपा के बीच विवाद की शुरुआत झामुमो के उस दावे के बाद हुई जिसमें कि भाजपा के 16 विधायकों के झामुमो के संपर्क में होने का दावा किया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-07-26 11:51 IST

CM hemant soren (photo: social media ) 

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Jharkhand Politics: राष्ट्रपति चुनाव के बाद झारखंड में सियासी उठापटक काफी तेज हो गई है। राष्ट्रपति चुनाव में कई विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के बाद राज्य का सियासी तापमान काफी बढ़ा हुआ नजर आ रहा है। भाजपा (BJP) और झामुमो (JMM) दोनों दलों की ओर से विधायकों की बगावत की बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं।

दोनों दलों की ओर से एक-दूसरे पर वार-पलटवार किए जा रहे हैं। दोनों दलों की ओर से किए गए बगावत के दावों के बाद माना जा रहा है कि राज्य में कोई बड़ा सियासी खेल हो सकता है। इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस (Congress) ने चुप्पी साध रखी है और पार्टी अपने विधायकों को सहेजने की कोशिश में जुटी हुई है। पार्टी के कई विधायकों के राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की बात उजागर हुई है।

झामुमो ने किया भाजपा में बगावत का दावा

झामुमो और भाजपा के बीच विवाद की शुरुआत झामुमो के उस दावे के बाद हुई जिसमें कि भाजपा के 16 विधायकों के झामुमो के संपर्क में होने का दावा किया गया है। झामुमो के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया कि भाजपा के 16 विधायक अपने प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता से काफी नाराज हैं। दोनों नेताओं के काम करने के ढंग की वजह से विधायकों में भारी नाराजगी है। ये सभी विधायक अलग समूह बनाकर हेमंत सोरेन की सरकार को समर्थन देना चाहते हैं।

इन विधायकों ने इस बाबत झामुमो नेतृत्व से संपर्क भी साधा है। उन्होंने कहा कि विधायकों के प्रस्ताव पर झामुमो नेतृत्व की ओर से गंभीरता पूर्वक विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आधिकारिक रूप से इस बाबत प्रस्ताव आने पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के दिन को ऐतिहासिक बताया।

भाजपा बोली:झामुमो के विधायक ही नाराज

झामुमो की ओर से किए गए इस दावे पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने दावे को पूरी तरह निराधार बताते हुए झामुमो नेतृत्व पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि झामुमो का दावा पूरी तरह हास्यास्पद है क्योंकि झामुमो डूबता हुआ जहाज है। भला डूबते हुए जहाज की सवारी कौन करना चाहेगा।

दूसरी ओर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बड़ा दावा करके राज्य की सियासी तपिश बढ़ा दी है। उन्होंने दावा किया कि सच्चाई तो यह है कि झामुमो के 21 विधायक बगावत के मूड में दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन विधायकों में पार्टी के प्रति नाराजगी दिख रही है।

भाजपा ने दावे को हास्यास्पद बताया

भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झामुमो की ओर से किए गए दावे को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी झामुमो को अपनी पार्टी के अस्तित्व की चिंता करनी चाहिए। लूटखसोट के दम पर राजनीति करने वाले लोग सिर्फ झूठ और भ्रम फैलाने की साजिश में जुटे रहते हैं। झामुमो के दो विधायकों ने खुद अपनी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। सरकार को पहले इन सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोरेन सरकार में बिचौलिए हावी हैं और झामुमो के विधायकों की ही आवाज नहीं सुनी जा रही है।

राज्य में हो सकता है बड़ा सियासी खेल

झामुमो और भाजपा की ओर से किए गए इन दावों के बाद माना जा रहा है कि प्रदेश में कोई बड़ी सियासी खिचड़ी पक रही है। सियासी जानकारों का कहना है कि राज्यसभा चुनाव और राष्ट्रपति चुनाव के बाद कांग्रेस में भी झामुमो प्रति नाराजगी दिख रही है। कांग्रेस की अपील को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति चुनाव में झामुमो ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था।

इससे पहले राज्यसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस को झटका दिया था। इसे लेकर गठबंधन सरकार में खींचतान बढ़ती जा रही। अब झामुमो और भाजपा की ओर से एक-दूसरे को दलों में बगावत के बड़े दावे किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राज्य में कोई बड़ा सियासी खेल दिख सकता है।

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