लेखिका किक्की सिंह ने दी दिव्यांगता को मात, शरद पवार ने किया पुस्तक का लोकार्पण

तेरे नाम का और शादी का सपना नामक पुस्तक लिखने वाली लेखिका की उम्र भी शादी की हो चुकी है। हालांकि, अबतक शादी ब्याह को लेकर मन नहीं बनाया है।

Update: 2021-03-08 03:34 GMT
दिव्यांगता को मात देकर लेखिका बनी किक्की सिंह, शरद पवार के हाथों हुआ पुस्तक का लोकार्पण (PC: social media)

रांची: झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली किक्की सिंह कोई आम हिंदुस्तानी लड़की नहीं हैं। बचपन से ही चलने फिरने से लाचार हैं लेकिन दूसरों के लिए प्रेरणा हैं। अबतक दो किताबें लिख चुकी हैं। व्हील चेयर ही दुनिया है। फौजी परिवार से आने वाली किक्की सिंह कहती हैं कि, परिवार से ही सबक मिला कि, ज़िंदगी में कभी हार नहीं मानना है। मुश्किलें चाहे जितनी हों लेकिन रास्ता खुद निकालना है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के हाथों अपनी पुस्तक का लोकार्पण कराने वाली किक्की सिंह खुश तो हैं लेकिन उदास भी।

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शादी का सपना

तेरे नाम का और शादी का सपना नामक पुस्तक लिखने वाली लेखिका की उम्र भी शादी की हो चुकी है। हालांकि, अबतक शादी ब्याह को लेकर मन नहीं बनाया है। कहती हैं कि, जो कुछ भी महसूस करती हूं उसे कोरे काग़ज़ पर लिख देती हूं। लोगों को पसंद आता है तो लिखने की प्रेरणा मिलती है। किक्की सिंह कहती हैं कि, लेखन का जो सिलसिला शुरू हुआ है वो आगे भी जारी रहेगा। इसी नहीं मुझे आत्मविश्वास से भरा है। यही मेरी पहचान है। आज मैं हज़ारों लोगों तक पहुंची हूं।

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किक्की की उदासी

रांची में आयोजित एनसीपी के कार्यक्रम कार्यक्रम में अपने पुस्तक का स्टॉल लगाने वाली लेखिका किक्की सिंह उदास भी हैं। कहती हैं कि, ऐसे कार्यक्रमों में पुस्तक की मांग नहीं होती है। लोगों में पढ़ने की रूचि भी कम है। शरद पवार के हाथों पुस्तक का लोकार्पण कराने के सवाल पर वे कहती हैं कि, इसके पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं है। शरद जी एक बड़े राजनीतिज्ञ हैं। उनके हाथों पुस्तक का लोकार्पण होना बड़ी बात है।

दिव्यांगता कोई रोड़ा नहीं

व्हील चेयर के ज़रिए अपनी ज़िंदगी का सफर तय करने वाली किक्की सिंह कहती हैं कि, दिव्यांगता कोई रोड़ा नहीं है। मुझे घर में ऐसी परवरिश मिली कि, कभी दिव्यांगता का एहसास ही नहीं हुआ। सैनिक परिवार से ताल्लुक रखने की वजह से अनुशासन का पाढ़ पढ़ाया गया। कर्तव्यों के प्रति जागरुक किया गया। हिम्मत और हौसले के साथ आगे बढ़ना सिखाया गया। लिहाज़ा, जो सिखाया गया उसे ही ज़िंदगी में उतारती गई और सफर हसीन होता गया।

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महिला दिवस की बधाई

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए किक्की सिंह कहती हैं कि, ज़िंदगी के हर मोर्चे पर महिलाएं आज कामयाब हो रही हैं। समाज ने भी औरतों को लेकर नज़रिया बदला है। महिलाएं आज खुद आत्मनिर्भर हो रही हैं। किक्की सिंह सभी मां-बाप से कहती हैं कि, वे अपनी बेटियों को पढ़ाएं। उन्हे आगे बढ़ने में मदद करें। उनके हौंसलों को पंख दें।

रिपोर्ट- शाहनवाज़

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