Lalu Yadav Chara Ghotala : चारा घोटाला के एक अन्य मामले में RJD प्रमुख लालू यादव दोषी करार, स्वास्थ्य वजहों से रिम्स भेजे गए
चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को रांची की सीबीआई कोर्ट (CBI Court) ने दोषी करार दिया है। बता दें, यह मामला डोरंडा ट्रेजरी (Doranda Treasury) से 139 करोड़ रुपए निकासी से जुड़ा है।
Lalu Yadav Chara Ghotala : चारा घोटाला (Chara Ghotala) मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को रांची की सीबीआई कोर्ट (CBI Court) ने दोषी करार दिया है। बता दें, यह मामला डोरंडा ट्रेजरी (Doranda Treasury) से 139 करोड़ रुपए निकासी से जुड़ा है। इस मामले में लालू यादव को दोषी ठहराया गया है। इस मामले में कोर्ट ने 24 लोगों को बरी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला वर्ष 1990 से 1995 के बीच का है।
चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में आज बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया गया है। लेकिन, लालू यादव के वकील ने उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्हें रिम्स में रखने का आवेदन दिया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जिसके बाद अब लालू प्रसाद यादव को रिम्स के 'पेइंग वार्ड' में ले जाया गया है, जहां उनका इलाज भी किया जाएगा।
गौरतलब है, कि अब तक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पांच में से चार मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है। चारा घोटाला कुल 950 करोड़ रुपए का था। यह मामला साल 1996 में उजागर हुआ था। उस वक्त कुछ सरकारी अधिकारियों ने फर्जी खर्च की रिपोर्ट जमा की थी। प्रारंभिक जांच के बाद यह मामला खुलता ही गया।
डोरंडा कोषागार से करोड़ों रुपए की निकासी हुआ था। बिना वेरिफिकेशन के फर्जी खर्च की रिपोर्ट अधिकारियों ने दिखाई थी। तब उस वक्त चारा घोटाला सामने आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को बिहार के सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को तब मुख्यमंत्री बनाया था। 1970-80 के दशक में बिहार के मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्रा पर भी चारा घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा था।
21 फरवरी को होगा सजा का ऐलान
बता दें कि लालू प्रसाद यादव को आज जिस मामले में दोषी करार दिया गया है उसमें सजा का ऐलान 21 फरवरी 2022 को होगा। आज सीबीआई की विशेष अदालत ने डोरंडा मामले में सबूतों के आधार पर अनिल कुमार, सनाउल हक, राजेन्द्र पांडे, राम सेवक साहू, साकेत लाल, दीनानाथ सहाय और ऐनुल हक को बरी कर दिया।
तब 170 लोगों को आरोपी बनाया गया था
बता दें, कि साल 1996 में जब चारा घोटाला मामला दर्ज किया गया था तब 170 लोगों को आरोपी बनाया गया था। अब तक इसमें 55 की मौत हो चुकी है। इनमें सात आरोपी सरकारी गवाह बन गए। जबकि, कोर्ट का फैसला आने से पहले दो लोगों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था। छह अन्य लोग आज तक पकड़े नहीं जा सके।