Jharkhand: नौकरानी पर जुल्म ढाने वाली BJP की पूर्व नेता सीमा पात्रा गिरफ्तार, मेड को टॉर्चर करने का आरोप

आरोप सामने आने के बाद बीजेपी ने सीमा पात्रा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब पात्रा का कहना है कि उसके ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा, मुझे फंसाया जा रहा है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-08-31 07:14 GMT

Seema Patra Arrested : झारखंड (Jharkhand) के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी महेश्वर पात्रा (IAS officer Maheshwar Patra) और उनकी पत्नी तथा बीजेपी की नेता रहीं सीमा पात्रा (Seema Patra) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सीमा पात्रा पर उनके घर में रह रही आदिवासी समुदाय की नौकरानी के साथ अमानवीय बर्ताव करने का आरोप है।

बताया जा रहा है कि पात्रा फरार होने की तैयारी में थे, लेकिन अरगोड़ा पुलिस ने उन्हें पहले ही दबोच लिया। पुलिस दो दिनों से उनकी तलाश कर रही थी। जानकारी के मुताबिक, आज उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।

क्या है मामला? 

पीड़ित युवती का नाम सुनीता है। वह दिव्यांग भी है। सीमा पात्रा ने 8 साल से उसे घर में कैद कर रखा था। उससे खूब काम करवाती थीं। 29 वर्षीय सुनीता ने बताया, कि इस दौरान सीमा उसके साथ बेहद क्रूरता से पेश आती थीं। उसे भरपेट खाना तक नहीं दिया जाता था। उसे रॉड से पीटा जाता था। गर्म तवे से जलाया भी जाता था। सुनीता को फिलहाल रांची स्थित रिम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

आरोपी सीमा पात्रा ने आरोपों से किया इनकार

आरोप सामने आने के साथ ही 28 अगस्त को बीजेपी ने सीमा पात्रा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब पात्रा का कहना है कि उसके ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा, मुझे फंसाया जा रहा है।

सुनीता ने सुनाई आपबीती

दिव्यांग आदिवासी युवती सुनीता झारखंड के गुमला जिले (Gumla District) की रहने वाली है। उसने बताया कि, वह पात्रा दंपति के रांची के पॉश इलाके अशोक नगर स्थित घर में नौकरानी का काम करती थी। पात्रा के दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी। उसने बताया कि बेटी की जब नौकरी दिल्ली में लगी तो वह 10 साल पहले घर में काम करने दिल्ली गई। 6 साल पहले वापस रांची आ गई। उसे शुरू से ही प्रताड़ित किया जा रहा था। वो काम छोड़ना चाहती थी मगर, उसे बंधक बना लिया गया था। जब भी वह घर जाने की बात करती तो उसे बुरी तरह मारा-पीटा जाता था। बीमार पड़ने पर उसका इलाज भी नहीं करवाया जाता था। ऐसा बर्ताव उसके साथ बीते 8 सालों से हो रहा था।

पात्रा दंपति के शिकंजे से कैसे आजाद हुई सुनीता?

बताया जाता है, कि पात्रा दंपति के शिकंजे से सुनीता को आजाद करवाने में उन्हीं के बेटे का हाथ है। सीमा के बेटे आयुष्मान के दोस्त विवेक बस्के ने ही पीड़ित दिव्यांग युवती की मदद की। विवेक बस्के सचिवालय में कार्यरत हैं। उन्हें सुनीता पर हो रहे अत्याचार की जानकारी खुद सीमा के बेटे आयुष्मान ने दी थी। उन्होंने इसकी सूचना अरगोड़ा थाने को दी। इसके बाद रांची पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने सुनीता को रेस्क्यू किया। पुलिस को सुनीता के शरीर पर जख्मों के कई निशान मिले हैं।

राज्यपाल की सख्ती के बाद हुआ एक्शन

बीजेपी से निकाली जा चुकीं सीमा पात्रा पर एक्शन लेने में पुलिस को दो दिन लग गए। राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने पुलिस की शिथिलता पर सवाल उठाते हुए डीजीपी से पूछा कि अब तक सीमा पात्रा के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

सीमा पात्रा पर लगा एससी-एसटी एक्ट  

जानकारी के मुताबिक, रांची पुलिस ने अरगोड़ा थाने में सीमा पात्रा पर एससी-एसटी की विभिन्न धाराओं पर मुकदमा कायम किया है। साथ ही, आईपीसी की विभिन्न धाराओं में भी केस दर्ज किया है। इस मामले में हटिया के डीएसपी राजा मित्रा (Hatia DSP Raja Mitra) को जांच अधिकारी नियुक्ति किया गया है। वहीं आदिवासी युवती सुनीता की सुरक्षा में दो महिला सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। 

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