Karnataka: PM मोदी से कमीशन की शिकायत करने वाले ठेकेदार पर बनी मुसीबत, IPC धारा 406 के तहत केस दर्ज
Karnataka News Today: करातगी तालुक पंचायत के कार्यकारी अधिकारी डी मोहन ने ठेकेदार येरिस्वामी के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
Karntaka News Today: कर्नाटक के कटक जिलके स्थित एक येरिस्वामी नामक ठेकेदार ने कुछ समय पहले ही सरकारी ठेकों में अधिकारियों द्वारा कमीशनखोरी की मांग को लेकर सीधा पीएम मोदी (PM Modi) को पत्र लिख शिकायत की गई थी। इस शिकायत पत्र में येरिस्वामी ने सरकारी अधिकारियों द्वारा ठेका आवंटन के लिए 40 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाया गया था। हालांकि, इसके विपरीत अब ठेकेदार येरिस्वामी खुद कानूनी मामले के फंसते नजर आ रहे हैं।
कार्यकारी अधिकारी ने कराया केस दर्ज
दरअसल, करातगी तालुक पंचायत (Karatgi Taluk Panchayat) के कार्यकारी अधिकारी डी मोहन (Executive Officer D Mohan) ने ठेकेदार येरिस्वामी के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। डी मोहन (Executive Officer D Mohan) ने बीते वर्ष अप्रैल से जून महीने के बीच येरिस्वामी के कार्य में कई अनियमितताओं के चलते यह मामला दर्ज कराया है।
कार्य में गड़बड़ियों को छिपाने को लेकर ठेकेदार पर केस दर्ज
करातगी तालुक पंचायत (Karatgi Taluk Panchayat) के कार्यकारी अधिकारी डी मोहन (Executive Officer D Mohan) ने ठेकेदार के खिलाफ खुद के द्वारा मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद मामले में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ठेकेदार येरिस्वामी के स्वामित्व वाली विजयलक्ष्मी एंटरप्राइजेज को MNREGA के तहत एक काम सौंपा गया था तथा मनरेगा के तहत होने वाले इस काम की विशिष्ट निगरानी के लिए विष्णु कुमार नाइक को काम पर रखा गया था और इसी के मद्देनज़र गड़बड़ियों को छिपाने और अन्य गलतियों को उजागर ना करने को लेकर ठेकेदार येरिस्वामी ने विष्णु कुमार नाइक को घूस के रूप में नगद पैसे दिए। इसी के तहत अब ठेकेदार येरिस्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
6 मई को ठेकेदार के खिलाफ थाने में की थी शिकायत दर्ज
डी मोहन ने अभी 6 मई को ही ठेकेदार के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज की थी, और इसी के ठीक 3 दिन पहले यानी 3 मई को येरिस्वामी ने सरकारी अधिकारियों पर 40 प्रतिशत कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए ओईएम मोदी से मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की थी। जिन अनियमिताओं को लेकर पहले ठेकेदार येरिस्वामी ने सरकारी अधिकारियों को बांधने की कोशिश की थी अब वह खुद उसी ओर गहराई में फंसते नजर आ रहे हैं।