Mahakumbh 2025: महाकुंभ में राम भक्ति का अनोखा रंग, बदन पर एक लाख टैटू वाले अनोखे राम भक्त

Mahakumbh 2025: महाकुंभ के अखाड़ा सेक्टर और महा मंडलेश्वर नगर से बाहर भी भक्ति के अनोखे रंग देखने को मिल रही है। ऐसे ही अनोखे राम भक्त है राम नामी जिनके शरीर के रोम रोम में राम नाम के टैटू गुदे हुए हैं ।;

Report :  Dinesh Singh
Update:2025-01-22 22:46 IST

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में भक्ति ज्ञान और साधना की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है। यहां शैव, वैष्णव और शाक्त सभी सम्प्रदाय के साधक और भक्त अपनी भक्ति धारा में डूबे हैं । भगवान राम की भक्ति की अनोखी धारा यहां प्रवाहित हो रही है जो महा कुंभ में लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

बदन में गुदवाए 1 लाख राम नाम, अनोखे राम भक्त

महाकुंभ के अखाड़ा सेक्टर और महा मंडलेश्वर नगर से बाहर भी भक्ति के अनोखे रंग देखने को मिल रही है। ऐसे ही अनोखे राम भक्त है राम नामी जिनके शरीर के रोम रोम में राम नाम के टैटू गुदे हुए हैं । भुला राम बताते हैं कि उनका रामनामी जत्था छत्तीसगढ़ से आया है। इसमें सभी राम भक्तों ने अपने बदन में एक लाख से अधिक राम नाम गुदवा रखे हैं। माथे से लेकर चेहरे का हर हिस्सा और पूरा जिस्म राम नाम से गुदा पड़ा है। सर पर मोर मुकुट और हाथ में राम नाम अंकित घुंघरुओं की झंकार में थिरकते इन राम भक्तों के पैर महा कुम्भ क्षेत्र में जिस क्षेत्र में पड़ते हैं उनका भक्ति का रंग देखने वालों की भीड़ जमा हो जाती है।

अपनी कमाई का एक हिस्सा दान करते हैं राम मंदिर के लिए

राम नामी सम्प्रदाय धीरे धीरे विलुप्त होने की कगार पर है। राम नामी जत्थे के अगुवा जमाई राम बताते है कि एक वक्त था कि छत्तीसगढ़ में दो से तीन लाख राम नामी थे लेकिन अब इनकी संख्या सिमट कर 6 हजार के करीब पहुंच चुकी है। मूल रूप से ये किसान है जो अपने पैदा हुए अन्न का एक हिस्सा देश में राम मंदिरों के निर्माण के लिए निकाल देते हैं। इनके संकल्प भी भगवान राम की राम राज्य की विचारधारा से मिलते जुलते है। ये लिंग, जाति, धर्म ,रंग और सभी तरह के भेदभाव के खिलाफ जंग लड़ते हैं।

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