VIDEO: AIMPLB की बैठक ख़त्म, तीन तलाक़ के लिए जारी हुआ CODE OF CONDUCT
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में कई फ़ैसले लिये गये। इनमें सबसे अहम है निकाह के लिये कोड ऑफ़ कंडक्ट जारी करने का। बोर्ड ने कहा कि वह इस सिलसिले में एक नियमावली बनाएगा ताकि मुसलमान इस पर अमल करके शरियत की हिफ़ाज़त तय कर सकें।;
लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तलाक़ को लेकर एक 'कोड ऑफ़ कंडक्ट' जारी किया है। तीन तलाक पर देश भर में उठे विवाद के बाद यह फ़ैसला लिया गया है। लखनऊ के प्रसिद्ध नदवा कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय बोर्ड कार्यकारिणी की बैठक की समाप्ति पर यह ऐलान किया गया।
बैठक में देश भर से जुटे मुस्लिम उलेमा शामिल हुए। बोर्ड ने यह भी कहा कि बाबरी मस्जिद मुद्दे पर वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही स्वीकार करेगा।
निकाह पर नज़र
तीन तलाक़, बाबरी मस्जिद और दूसरे मसअलों पर चर्चा के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में कई फ़ैसले लिये गये। इनमें सबसे अहम है तलाक़ के लिये कोड ऑफ़ कंडक्ट जारी करने का। बोर्ड ने कहा कि वह इस सिलसिले में एक नियमावली बना रहा है ताकि मुसलमान इस पर अमल करके शरियत की हिफ़ाज़त तय कर सकें।
बोर्ड ने कहा कि अगर कोई बिना किसी जायज़ वजह के तीन तलाक़ देगा, तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इसके अलावा तीन तलाक़ की वजह से अगर किसी महिला के साथ नाइंसाफ़ी हुई है, तो बोर्ड उसकी हर तरह से मदद भी करेगा।
बोर्ड ने कहा कि शरियत को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है इसलिए बोर्ड लोगों तक इसकी सही तस्वीर पेश करके इस्लाम और शरियत को लेकर पनपे भ्रम दूर करेगा। इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाएगा।
बेटियों को हिस्सा
बोर्ड की बैठक में 14 बिंदुओं पर फैसले लिये गये। इनमें ट्रिपल तलाक पर कोड ऑफ कंडक्ट जारी करने के अलावा लड़कियों के मां-बाप से कहा गया है कि वे दहेज के बजाय बेटियों को जायदाद में उनका हिस्सा दें और शरई मामले दारूल कजा में ही हल कराएं। बैठक में यह भी दावा किया गया कि तलाक का रेशियो बहुत कम है।
बोर्ड ने कहा कि 5 करोड़ लोग मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के समर्थन और यूनिफार्म सिविल कोड के खिलाफ हैं।
बोर्ड के महासचिव मौलाना सैय्यद वली रहमानी ने कहा कि इस्लाम में मर्द और औरत, दोनों को बराबर का हक़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब हम दूसरे मजहबों में दखल नहीं करते हैं तो दूसरे मजहब भी हमारे मामलात में दखल ना दें। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक पर जब कोर्ट का फैसला आएगा, तब देखेंगे। फिलहाल ट्रिपल तलाक के सपोर्ट में 5 करोड़ 83 लाख सिग्नेचर मिले हैं।
बाबरी मस्जिद पर SC का फ़ैसला मान्य
बाबरी मस्जिद के सिलसिले में बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही स्वीकार करेगा। गाय के मामले में कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि गाय का मामला बोर्ड के दायरे में नहीं आता है।
बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मोहमद राबे हसन नदवी ने की। बोर्ड ने महिलाओं की मदद के लिए 7 भाषाओं में हेल्प लाइन शुरू की है, जिसका टोल फ्री नंबर 18001028426 है।
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