राफेल पर वायुसेना ने कहा-'भारत को राफेल जैसे पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक विमान की जरूरत है'

Update:2018-11-15 08:48 IST

नई दिल्ली: 36 राफेल फाइटर जेट की खरीद मामले की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच में पौने चार घंटे लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।

बता दें कि सुनवाई के दौरान वायुसेना ने भी अपना पक्ष रखा। इस दौरान वायुसेना के अधिकारियों ने कोर्ट में कहा कि भारत को राफेल जैसे पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक विमान की दरकार है, जो दुश्मन के रडार और निगरानी उपकरणों को चकमा दे सके।

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दरअसल, सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह राफेल सौदे को लेकर विवाद पर वायुसेना के अधिकारियों से बात करना चाहते हैं। इस पर वायुसेना के शीर्ष अधिकारी एयर वाइस मार्शल जे चेलापति, एयर मार्शल अनिल खोसला और एयर मार्शल वी आर चौधरी बहुत कम समय के बुलावे पर अदालत पहुंचे।

अधिकारियों ने कहा कि इन अत्याधुनिक विमानों में रडार से बच निकलने जैसी तकनीक और बेहतर इलेक्ट्रानिक युद्धक क्षमताएं हैं। कोर्ट ने कहा कि हम वायुसेना से ही पूछना चाहते हैं कि क्या उन्हें इन विमानों की जरूरत है। कोर्ट ने एक एयर मार्शल चेलापति से विमानों के घरेलू उत्पादन के बारे में पूछा।

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चेलापति ने बताया कि सबसे ताजा विमान सुखोई 30 लिए गए थे और उससे पहले 1985 में तीसरी पीढ़ी के मिराज थे। इसके बाद कोई विमान वायुसेना के बेड़े में नहीं जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि भारत को पांचवी पीढ़ी के विमान चाहिए, जिसमें रडार को चकमा देने वाली स्टील्थ तकनीक से लैस हों और इसी को देखते हुए ही राफेल विमानों को चुना गया था।

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याचिका में आरोप लगाया गया है कि राफेल की खरीद में अनियमितता हुई है लिहाजा एफआईआर दर्ज कर मामले की कोर्ट की निगरानी में छानबीन की जाए। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि पब्लिक डोमेन में आए बगैर कीमत पर बहस नहीं होगी। जो मामला पब्लिक डोमेन में होगा उस पर बहस होगी।

दिन राफेल सौदे की जांच शुरू होगी, दो नाम सामने आएंगे: राहुल गांधी

इधर राहुल गांधी ने इस हमला करते हुए कहा कि ‘‘सीबीआई निदेशक (आलोक वर्मा) ने राफेल सौदे में जांच शुरू की थी. प्रधानमंत्री ने उन्हें रात में 12 बजे हटा दिया. मैं आपको बता रहा हूं, जिस दिन राफेल सौदे की जांच शुरू होगी, दो नाम सामने आएंगे, एक अनिल अंबानी और दूसरा नाम नरेंद्र मोदी का।

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