दादरी कांड की लीपापोती में जुटी पुलिस, अधिकारियों के बयान विरोधाभासी

Update:2016-06-02 19:55 IST

नोएडा: ग्रेटर नोएडा के बहुचर्चित बिसाहड़ा कांड में पुलिस-प्रशासन की कमी उजागर हुई है। पुलिस भी अब सीएम अखिलेश यादव की जुबान बोल रही है। सीएम के बयान के बाद वो अधिकारी जो घटना के दौरान यह कह रहे थे कि मांस घर के अंदर से मिला है, अब अपने बयान से पलटने लगे हैं।

पुलिस अधिकारियों का बयान अब प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अनुसार चल रहा है। सीएम अखिलेश यादव का बयान आया कि मांस के टुकड़े घर के बाहर मिले थे। उसी तरह अब पुलिस के अधिकारी भी बयान दे रहे हैं कि मांस के टुकड़े अखलाक के घर से नहीं बल्कि घर की गली के सामने के बिजली के खंभे के पास से मिले थे। खास बात यह है कि इस बात को पुष्ट करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी भी लखनऊ पहुंच चुके है। वह वहां समझाने की जुगत में लगे है कि मांस का टुकड़ा घर के बाहर ही मिला था। ताकि जिला प्रशासन अपनी साख बचा सके।

दूत बनकर पहुंचे अधिकारी

दरअसल, जिस रिपोर्ट को देखने के बाद सीएम अखिलेश ने मुआवजे का एलान किया था, वो रिपोर्ट मथुरा की फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट से उलट निकली। उस समय यह रिपोर्ट यहां के जिला अधिकारी द्वारा भेजी गई थी। जिसकी पुष्टि भी हुई थी।मथुरा की लैब में जांच में पाया गया कि जो मांस के टुकड़े मिले थे वह गाय या फिर बछड़े के थे। इसके बाद सियासी माहौल फिर से गर्मा गया। जिसको लेकर प्रशासनिक स्तर का एक बड़ा अधिकारी पूरे कागजों के साथ लखनऊ में है। जो सीएम के बयान को सही जताने के प्रयत्न कर रहे हैं।

मृतक अखलाक और परिजन (फाइल फोटो)

बयानों में हो रहा विरोधाभास

मामले में मांस को लेकर संशय की स्थिति पैदा हो गई है। पुलिस अधिकारी अब बयान दे रहे हैं कि अखलाक के घर से मांस नहीं मिला था। बिजली के खंभे के पास से मांस के टुकड़े मिले थे। जबकि घटना के दौरान लगातार पुलिस के अधिकारियों का बयान टीवी चैनलों पर चला था कि अखलाक के घर से मिले मांस के टुकड़ों को मथुरा की फोरेंसिक लैब जांच के लिए भेजा गया है। लेकिन गोवंश की पुष्टि होने के बाद मामला पूरी तरह से पलट गया है। 31 मई को डीजीपी जावीद अहमद ने बयान दिया था कि लैब की फोरेंसिक रिपोर्ट आठ सप्ताह पहले पुलिस को मिली थी। उसे जब कोर्ट ने मांगा तो रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी गई। जबकि गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन उसी दिन ये बयान जारी कर रहा था कि रिपोर्ट की प्रति अभी मिली है। इससे यह साफ होता है कि पुलिस-प्रशासन मामले को दबाने में शुरू से जुटा हुआ है।

नहीं दी जारचा कोतवाली में तहरीर

गुरुवार को बिसाहड़ा गांव के लोग बीजेपी नेता संजय राणा के साथ देरशाम जारचा कोतवाली पहुंचे। आशंका जताई जा रही थी कि ग्रामीण गुरुवार शाम को तहरीर देकर अखलाक पक्ष के लोगों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग करेंगे। हालांकि ग्रामीणों ने यह साफ किया है कि वह जल्द ही जारचा कोतवाली में तहरीर देंगे। यदि पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं करती है तो कोर्ट के रास्ते मुकदमा दर्ज कराएंगे।

गऊ रक्षा दल करेगा आंदोलन

गऊ रक्षा दल के अध्यक्ष वेद नागर ने बताया कि यदि पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अखलाक पक्ष के लोगों पर मुकदमा नहीं दर्ज किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। बिसाहड़ा गांव के लोगों से संपर्क कर दल के कार्यकर्ता लगातार आगे की रणनीति तैयार कर रहे है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

दिन भर रहा पंचायतों का दौर

गांव में रिपोर्ट को लेकर पंचायत का दौर जारी है। हालांकि ग्रामीण इसे पंचायत का रूप नहीं दे रहे है। उनका कहना है कि धूप तेज है इसलिए लोग एक जगह छांव में बैठे है। लेकिन कुछ इसे पंचायत ही मान रहे थे। वहां रिपोर्ट को लेकर ही बातचीत की जा रही है। फिलहाल गांव में माहौल शांत है।

एक कहानी और भी

बिसाहड़ा कांड हुआ ही इस वजह से था कि अखलाक ने घर के बाहर एक पन्नी में कुछ फेंका था। वहां घूम रहे पालतू कुत्तों ने पन्नी फाड़ दी। पन्नी में मांस के टुकड़े थे। तभी वहां से गुजर रहे युवकों ने देखा कि जो पन्नी अखलाक के घर के बाहर बिजली के खंभे के पास पड़ी है, उसको अखलाक ने फेंका है। पन्नी में गोवंश का सिर देखा और उसको एक स्थानीय डाक्टर से चेक कराया। डाक्टर ने पुष्टि की थी कि पन्नी में गोवंश का सिर है, इसके बाद भीड़ ने अखलाक के घर हमला बोला था। हमले में अखलाक की मौत हुई थी। वहीं ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अखलाक के घर की फ्रिज से भी मांस के टुकड़े मिले थे। इसके फोटो भी कई पुलिसकर्मियों ने अपने मोबाइल में कैद किए थे।

एसएसपी धर्मेन्द्र यादव ने कहा

जिले में सांप्रदायिक सौहार्द किसी भी कीमत पर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। मेरी लोगों से अपील है कि वह कानून हाथ में लेने का प्रयास बिल्कुल भी न करें। बिसाहड़ा कांड के मामले में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। मेरी अभी नई तैनाती हुई है। यदि बिसाहड़ा गांव के लोग अखलाक पक्ष के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर देते हैं तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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