सुशील मोदी ने ली चुटकी, तेजस्वी से पूछा- नाबालिग थे, तो दान स्वीकारने में क्यों नहीं हिचके
पटना: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता सुशील मोदी ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए मंगलवार (18 जुलाई) को नए आरोप लगाए। सुशील मोदी ने ट्वीट के जरिए कुछ दस्तावेज भी पोस्ट किए हैं। जिसमें आरोप लगाया गया है कि तेजस्वी यादव 26 साल की उम्र में ही 26 बेनामी संपत्ति के मालिक बन गए हैं।
बीजेपी नेता ने जो दस्तावेज की कॉपी पोस्ट की है उसमें लिखा है कि तेजस्वी प्रसाद यादव सहित 7 अन्य पर सीबीआई ने आपराधिक, धोखाधड़ी और क्रिमिनल मिसकंडक्ट के केस में एफआइआर दर्ज किया है।
'वे निमुछिया नहीं थे'
सुशील मोदी ने कहा, 'सीबीआइ ने दर्ज एफआईआर में साल 2010 से 2014 के बीच प्रेमचन्द्र गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता ने डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को राबड़ी देवी एवं तेजस्वी यादव को स्थानान्तरित कर दिया। इसका मतलब है कि जिस समय तेजस्वी यादव कंपनी के मालिक बने, वो बालिग थे उन्हें दाढ़ी मूंछ थी। वे निमुछिया (बिना मूंछ के) नहीं थे, जैसा कि वो दावा करते हैं।'
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ये भी कहा मोदी ने
सुशील मोदी ने कहा, कि 'साल 2014 यानि जब तेजस्वी 24 वर्ष के थे, में जब डिलाइट मार्केटिंग के शेयर पूरी तरह से तेजस्वी को ट्रांसफर किए गए, उस समय उस शेयर का बाजार मूल्य 94 करोड़ रुपए था। जबकि सर्किल रेट में 32.5 करोड़ की जमीन को मात्र 65 लाख में कब्जे में ले लिया गया।'
दान स्वीकारने में क्यों नहीं हिचके
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा, 'जब तेजस्वी यादव नाबालिग (16 वर्ष) थे, उस समय उन्हें कांति सिंह और रघुनाथ झा की करोड़ों की जमीन सहित मकान दान में स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं हुई। बता दें, कि तेजस्वी यादव के नाम गोपालगंज और पटना में कुल 13 संपत्ति रजिस्टर्ड हैं। ये सभी संपत्ति उस समय रजिस्ट्री कराई गई जब वो नाबालिग थे।'