आगराः यूपी के सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट 'ताजगंज' को जल्दी पूरा करने की जद्दोजहद में अधिकारियों की नाक के नीचे बालश्रम हो रहा है। प्रोजेक्ट में पूर्वी गेट से शिल्प ग्राम के बीच बन रही कोबेल स्टोन की सड़क पर बच्चों से बाल मजदूरी कराई जा रही है। बच्चे यहां कोबाल स्टोन को सर पर उठाकर सड़क बनाने वाले कारीगरों को लाकर देते है।
खोखले साबित हो रहे सर्वशिक्षा अभियान के दावे
-एक तरफ सरकार बालश्रम के खिलाफ सख्त कानून बना रही है और बच्चों को स्कूल भेजने पर जोर दे रही है।
-यहां तक की सर्व शिक्षा अभियान पर अरबों खर्च कर रही है।
-वहीं सीएम के प्रोजेक्ट में बच्चे ईटों की ढुलाई करते नजर आ रहे हैं।
प्रमुख सचिव ने लगाई थी फटकार
-सीएम अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट 'ताजगंज' की गड़बड़ियां 15 मई को आगरा आए प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के सामने आई।
-प्रमुख सचिव ने निर्माण निगम के अधिकारियों की फटकार लगाने के साथ ही गुणवत्ता, मानक और समय सीमा का विशेष ध्यान रखने को कहा।
-लेकिन आगरा के अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
-काम जल्दी पूरा करने की अधिकारी बालश्रम पर भी अपनी आंखें बंद कर के बैठ गए हैं।
क्या कहना है सामजिक संस्थाओं का
-क्यूआईसीएसी के जोनल कोर्डिनेटर नरेश पारस का कहना है कि यह गैरकानूनी है।
-इस पर श्रम विभाग के लोगों को नजर रखनी चाहिए।
-वहीँ घुमंतू समाज के बच्चों को शिक्षा देकर स्वावलंबी बनाने का कार्य करने वाली आराधना संस्था की महसचिव डॉक्टर हिर्देश चौधरी ने बताया कि ये पूरी तरह से गैरकानूनी है।
-बच्चों से काम करवाने वाले ऐसे ठेकेदारों पर सख्त कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए।