लखनऊ: विश्व हिंदू परिषद् ने चार साल बाद एक बार फिर धर्म संसद की बैठक बुलाई है। ये बैठक कर्नाटक के उडुपी में 24 नवंबर को बुलाई गयी है। इस तीन दिवसीय बैठक में राम मंदिर समेत गाय और गंगा पर भी आगे की रणनीति तय होगी।
विहिप की इस की ये 15वीं बैठक होगी जिसमे प्रमुख शंकराचार्यों, अखाड़ा परिषद, प्रमुख धर्माचार्यों और संत मौजूद रहेंगे। इस बैठक होने वाली चर्चा और फैसले 2019 में होने वाले लोक सभा चुनाव को प्रभावित कर सकते है।
सामाजिक समरसता यानी संपूर्ण हिंदू समाज की एकजुटता का एजेंडा भी बैठक के विचारणीय विषयों में शामिल है। इस बैठक के फैसले किसी न किसी रूप में लोकसभा चुनाव 2019 को प्रभावित जरूर करेंगे।
इससे पहले 2013 में प्रयाग में हुए कुंभ के मौके पर धर्म संसद की बैठक हुई थी। जिसमे 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश में मोदी को समर्थन देकर बीजेपी की सरकार बनाने का आह्वाहन किया गया था।
अब जिस तरह यूपी की योगी सरकार द्वारा अयोध्या के सौंदर्यीकरण कार्य में तेजी आई है उससे इस धर्म संसद की बैठक का महत्व और बढ़ गया है। अभी हालहीं में विहिप के महामंत्री चंपत राय ने अयोध्या स्थित कार्यशाला में जाकर राम मंदिर निर्माण के लिए तराशे जा रहे पत्थरों को देखा था और कहा था कि दिवाली बाद कारीगरों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। इससे भी उडुपी बैठक का महत्व समझा जा सकता है।