देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा मेंअब 31 को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं होगा। नैनीताल हाईकोर्ट की डबल बेंच ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनी रहेगी। यानि प्रेसिडेंट रूल लगा रहेगा। डबल बेंच ने केंद्र सरकार से चार अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अंतिम सुनवाई 6 अप्रैल को होगी ।
-कोर्ट में आज कांग्रेस और बीजेपी की याचिका पर सुनवाई हुई। नैनीताल हाईकोर्ट का मंगलवार को आदेश आने के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों हाईकोर्ट में डबल बेंच के सामने गए।
-कांग्रेस ने 9 बागी विधायकों को वोट देने के अधिकार के खिलाफ याचिका दी थी। वहीं, बीजेपी ने प्रेसिडेंट रूल लगने के बाद विधानसभा में हरीश रावत सरकार को बहुमत साबित करने के नैनीताल हाईकोर्ट के मंगलवार को दिए आदेश को चुनौती दी थी।
शाम को कैबिनेट बैठक
पीएम मोदी इस वक्त तीन देशों की यात्रा पर हैं, लेकिन शाम सात बजे उत्तराखंड मसले पर विचार के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। बैठक की अध्यक्षता होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह करेंगे।
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उत्तराखंड में लगा है प्रेसिडेंट रूल
-कांग्रेस के नौ विधायकों के बागी होने के बाद उतराखंड में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो गई थी।
-राज्यपाल केके पॉल ने हरीश रावत को 28 मार्च को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था।
-इस विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोप-प्रत्यारोप के बीच केंद्र की सिफारिश पर 27 मार्च 0को राज्य में प्रेसिडेंट रूल लगा दिया गया।
-इसके खिलाफ कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
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प्रेसिडेंट रूल पर क्या कहा था अरुण जेटली ने?
-धारा 356 के प्रयोग का इससे बेहतर कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता है।
-पिछले नौ दिन से हर दिन संविधान के प्रावधानों की हत्या हो रही थी। राज्य में संवैधानिक व्यवस्था चरमरा चुकी थी।
-संविधान में लिखा है कि जब बजट फेल होता है तो इस्तीफा देना होता है।
-स्वतंत्र भारत में पहला उदाहरण है जब एक एक फेल्ड बिल को बिना वोट लिए पारित होने की घोषणा कर दी गई।
-18 तारीख के बाद से जो सरकार चली है वो असंवैधानिक है।