'आप' को चुनाव आयोग का नोटिस, ये है पूरा मामला

Update: 2018-09-12 03:22 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बार चुनाव आयोग ने ‘आप’ पर नजरें टेढ़ी कर ली है। इसके साथ ही अब इस पार्टी की मान्यता और चुनाव निशान पर खतरा मंडराने लगा है। चुनावी चंदे में विसंगतियां मिलने पर मंगलवार को चुनाव आयोग ने पार्टी को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न आप का चुनाव चिह्न कैंसिल कर दिया जाए।

आयोग ने कहा है कि ‘आप' ने 30 सितंबर 2015 को वित्त वर्ष 2014-15 के लिए मूल दान रिपोर्ट सौंपी थी। बाद में पार्टी ने 20 मार्च 2017 को संशोधित रिपोर्ट दी। सीबीडीटी से जो रिपोर्ट मिली उसके मुताबिक ‘आप' ने गुप्त तरीके से मिले दान को छिपाने की कोशिश की। पार्टी के बैंक खाते में 67.67 करोड़ जमा हुए जबकि पार्टी ने 54.15 करोड़ रुपये ही दिखाए। यानि 13.16 करोड़ का हिसाब नहीं मिला है। आयोग की तरफ से नोटिस में दावा किया है कि हवाला ऑपरेटरों के जरिये लेनदेन को पार्टी ने गलत तरीके से स्वैच्छिक दान के रूप में दिखाया। पार्टी को 20 दिन में अपना पक्ष रखने को कहा गया है।

आप ने बचाव में दी ये सफाई

आम आदमी पार्टी ने कहा है कि आयोग ने गलत तथ्यों पर आकलन किया है। पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एनडी गुप्ता के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2014-15 की जो रिपोर्ट बाद में आयोग को सौंपी गई थी वह सही है। पार्टी जल्द ही आयोग के समक्ष इसका जवाब पेश करेगी।

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