पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान पर भारत की आपत्ति खारिज की

Update:2018-05-28 20:49 IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के प्रशासनिक नियंत्रण से जुड़े इस्लामाबाद के कदम के खिलाफ भारत के विरोध को खारिज किया है। गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा है।

'गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश 2018' को पाकिस्तान की कैबिनेट ने 21 मई को मंजूरी दी और इस क्षेत्र की एसेंबली ने भी इसका समर्थन किया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खाकन अब्बासी ने गिलगित-बाल्टिस्तान के लिए एक सुधार पैकेज को लागू करने की घोषणा की, जिस पर काफी शोरशराबा हुआ और स्थानीय विधानसभा में नारेबाजी हुई। यह आदेश राष्ट्रपति से जनजातीय इलाकों में लोगों के सशक्तीकरण की शक्तियों को समाप्त करता है।

अब्बासी ने कहा कि आदेश के तहत सभी शक्तियां गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों को स्थानांतरित कर दी गई हैं, जो दूसरे प्रांतों के लोगों की तरह बिना किसी भेदभाव के समान अधिकारों का आनंद लेंगे। पाकिस्तान के कई नागरिक अधिकार समूहों ने आदेश की निंदा की है।

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भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को रविवार को बुलाया और इस आदेश पर एक कड़ा विरोध दर्ज किया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा क्षेत्र के किसी भी हिस्से को अपने 'जबरन और अवैध कब्जे' के तहत बदलने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह स्पष्ट रूप से सूचित किया गया है कि पूरा जम्मू एवं कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग है, जिसमें तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान भी शामिल है।"

इस कदम पर भारत के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने एक बयान में दावा किया कि जम्मू एवं कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इसकी अंतिम स्थिति संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रशासित लोकतांत्रिक माध्यम से स्वतंत्र व निष्पक्ष जनमत संग्रह से तय की जाएगी।

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उन्होंने कहा, "पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश 2018 के खिलाफ भारत की आपत्ति व इसके जम्मू एवं कश्मीर के भारत के अभिन्न हिस्सा होने के दावे को सिरे से खारिज करता है। इतिहास से लेकर कानून व नैतिकता तक के भारत के सभी फर्जी दावों का आधार झूठा है।"

उन्होंने कहा, "इन प्रस्तावों को यानी कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार देने के संकल्प को भारत, पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने स्वीकार किए थे।"

इस आदेश के खिलाफ विपक्ष के विरोध के आह्वान द्वारा पूरे गिलगित-बाल्टिस्तान में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

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