बुलंदशहर: लक्ष्मी अल्पावास गृह (प्रोटेक्शन होम) से 20 दिन पहले फरार चार लड़कियों में से एक और को पुलिस ने बरामद कर लिया है। कोर्ट में दिए अपने बयान के दौरान सज्जो (बदला हुआ नाम) ने प्रोटेक्शन होम में हो रहे यौन उत्पीड़न और संवासनियों की प्रताड़ना की कहानी बयां की।
आरोप है कि समाजसेवा की आड़ में संचालक संवासनियों से देह व्यापार के अलावा उनके परिवार से रुपए वसूला करता था।
पीड़िता ने किया देह व्यापार का खुलासा
बुलंदशहर में निराश्रित और कानूनी प्रक्रिया में फंसी महिलाएं और लड़कियां गुलावठी के प्रोटेक्शन होम में रहती हैं। 20 दिन पहले यहां से 4 संवासनियां फरार हो गई थी। इन्ही में से एक सज्जो ने गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा किया। सज्जो के अनुसार इस गृह में लड़कियों से देह व्यापार कराया जाता है।
संचालक संवासनियों को दिखता है ब्लू फिल्में
विक्टिम का आरोप है कि संचालक सचिव एन वर्मा संवासनियों को मोबाइल पर पोर्न मूवीज दिखाता है। उनके साथ छेड़छाड़ भी की जाती है। साथ ही लड़कियों को बाहर भेजकर गलत काम भी करवाए जाते हैं।
संचालक की बात नहीं मानने पर होती है कार्रवाई
विक्टिम ने बताया कि यदि कोई लड़की संचालक की बात नहीं मानती तो उसे पूर्वांचल के किसी नारी संरक्षण गृह में भेजने की कार्यवाही शुरू कर दी जाती है। दरअसल, वहां आने वाली 90 फीसदी लड़कियां बुलंदशहर और आसपास के इलाकों की ही होती हैं।
परिजनों से मुलाकात के नाम वसूलता था रकम
सज्जो ने बताया कि इन लड़कियों के परिवारों से उनकी मुलाकात के बदले मोटी रकम वसूली जाती है। विक्टिम ने आरोप लगाए हैं कि संचालक परिवारों से लड़कियों की देखरेख के बदले रकम वसूली करता है। 50 हजार से ज्यादा रकम वसूल चुका है। इसी वजह से एक साल में तीन बार 11 संवासनियां फरार हो चुकी हैं।
'लड़कियां प्रेमियों से मिलने का बनती हैं दबाव'
संचालक सचिन एन वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा- ये आरोप गलत हैं, जितनी भी लड़किया प्रशासन द्वारा यहां भेजी जाती हैं उन्हें लेडीज स्टाफ के संरक्षण में रखा जाता है। लेकिन लड़कियां हमारे ऊपर अपने प्रेमियों से मिलने का दबाव बनाती हैं। उनकी बात पूरी नहीं होने पर मुझे फंसाने की साजिश की जा रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
इस संबंध में डीएम शुभ्रा सक्सेना ने बताया, 'मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी जांच अपर जिलाधिकारी आरके सिंह को दी गई है।'
एडीएम फाइनेंस आरके सिंह ने बताया कि इन आरोपों की जांच के लिए जिला प्रोवेशन अधिकारी को मौके पर लड़की के बयान दर्ज करने के लिए भेजा गया है। प्रोवेशन अधिकारी की जांच रिपोर्ट आने के बाद अल्पवास गृह पर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने प्रदेश सरकार से इसका अप्रूवल खत्म करने की संस्तुति पहले ही भेज रखी है।