इलाहाबाद: महापौर के अधिकारों में कटौती कर उन्हें पद से हटाने संबंधी विधेयक को लेकर गवर्नर और कैबिनेट मंत्री आजम खान के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। आजम खान ने विधेयक को लेकर ऑर्डिनेंस लाने की बात कही तो गवर्नर ने भी करारा जवाब दे दिया है।
इलाहाबाद में राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए गवर्नर राम नाईक कहा है,''आजम खान प्रदेश के संसदीय मंत्री हैं और उन्हें इस बात की बखूबी जानकारी होगी कि कोई भी ऑर्डिनेंस बिना राज्यपाल की मंजूरी के पास नहीं हो सकता और वो गवर्नर के पास ही सबसे पहले आता है। जब ऐसा कोई विधेयक मेरे पास आएगा तो तब मैं इस मामले में कुछ बोलूंगा। आजम खान जो बोलते हैं वो करते हैं या नहीं ये भी आने वाले दिनों में पता चल जाएगा।''
और क्या बोले गर्वनर
-वो (आजम खान) एक राजनितिक व्यक्ति हैं और वो जो बोलते है वो राजनीतक होता है।
-इसलिए उनके बयान या विचार पर मैं कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करना चाहता।
-गवर्नर की भी संविधान में दी हुई एक गरिमा है। मैं इस तरह के राजनीतिक विवाद में नहीं पड़ना चाहता।
-उन्होंने विधानसभा में जो बोला था उसने विधानसभा की गरिमा को तोड़ा था।
-उसी बात को लेकर मैंने विधानसभा अध्यक्ष से उनके भाषण की जानकारी मांगी।
-इसमें जानकारी निकल कर आई कि उन्होंने 60 वाक्य बोले, जिनमें 20 वाक्य ऐसे थे जिनकी भाषा असंसदीय थी।
-आजम खान को पाठ पढ़ाते हुए गवर्नर राम नाईक ने कहा विधानसभा की एक गरिमा है।
-वहां काम करने वालों की एक गरिमा है और राजभवन की भी एक गरिमा है।
-संसद और जनतंत्र एक दूसरे की गरिमा को ध्यान में रखते हुए ही सफल हो सकते हैं।
आजम खान ने क्या कहा था
सोमवार को आजम खान ने मीडिया से कहा था, ''राज्यपाल बिल रोक कर महापौरों के भ्रष्टाचार को संरक्षण नहीं दिया जा रहा है? मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। बिल की मंजूरी के लिए अब और इंतजार नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में ऑर्डिनेंस लाया जाएगा।''
गर्वनर पर आपत्तिजनक टिप्पणी
आजम खान के निजी प्रवक्ता फसाहत शानू ने सपा ऑफिस में प्रेस कांफ्रेंस कर मर्यादा की सारी हदें लांघ दी। गवर्नर पर अभद्र और अशेाभनीय टिप्पणी करते हुए आजम खां की हत्या कराने का आरोप लगाया। शानू यहीं नहीं रुके उन्होंने गर्वनर को कई आपत्तिजनक बातें कहीं।